जालंधर बर्निंग न्यूज (तरूण)-
नवरात्र के चौथे दिन मां के कुष्मांडा स्वरुप की पूजा की जाती है। कुष्मांडा देवी के बारे में कहा जाता है कि जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब कुष्माण्डा देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी। इसलिए इन्हें कुष्माण्डा के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के चौथे दिन माँ को मालपुए का भोग लगाने से वे प्रसन्न होती हैं। इस भोग को मंदिर के ब्राह्मण को दान करना चाहिए। ऐसा करने से बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय शक्ति बढ़ती है।
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