*शहीद बाबा निहाल सिंह की याद में गुरुद्वारा तल्हण में उमड़ा जनसैलाब*

BURNING NEWS✍️Rajesh Sharma                             

यहां जहाज चढ़ाने से होता है विदेश जाने का सपना पूरा
शहीद बाबा निहाल सिंह जी की याद में गांव तल्हण में स्थित गुरुद्वारा साहिब में 68 वां एतिहासिक जोड़ मेला मनाया जा रहा है। यह मेला 14 जून से लेकर 16 जून तक मनाया जाएगा। जानकारी देते हुए गुरुद्वारा तल्हण साहिब के रिसीवर कम तहसीलदार करणदीप सिंह भुल्लर ने बताया कि 14 जून को श्री अखंड साहिब जी के पाठ रखे गये जिनका भोग 16 जून दिन रविवार सुबह 9 बजे डाला जाएगा। इसी दौरान प्रसिद्ध ढाढ़ी जत्थों द्वारा कीर्तन दरबार सजाए जाएगें जिनमें भाई लखविंदर सिंह हजूरी रागी, भाई रणधीर सिंह, भाई ओंकार सिंह, भाई रविंदर सिंह हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर दिनांक 15 जून तथा भाई बलबीर सिंह पारस, भाई चरण सिंह आलमगीर, भाई तरसेम सिंह मोरांवाली 16 जून को कीर्तन करेंगे।

रिसीवर कम तहसीलदार श्री करणदीप सिंह भुल्लर ने कहा कि 14, 15 तथा 16 जून को कबड्ड़ी, बालीबाल तथा कुश्तियों के मुकाबले करवाए जाएगें। जिसमें जीतने वाले कबड्डी खिलाड़ी को पहला ईनाम 51,000 दूसरा ईनाम 41000 कबड्डी ओपन पहला ईनाम 31000 दूसरा ईनाम 25 हजार दिया जाएगा। मेले में आ रही संगत की सेहत के लिए शहीद बाबा निहाल सिंह जी चैरीटेबल अस्पताल की ओर से फ्री मेडिकल कैंप लगाए जाएगें तथा मरीजों को मुफ्त दवाईयां बांटी जाएगी।

गौरतलब है कि गांव तल्हण में स्थित शहीद बाबा निहाल सिंह जी के गुरुद्वारे में देश विदेशों से संगत विशेष रूप से नतमस्तक होने के लिए पहुंचती है । इस गुरुद्वारे में हर किसी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, खासतौर पर जो लोग विदेश जाने चाहते हों और उनका किसी कारणवश वीजा न लगाता हो ऐसी मानता है कि इस स्थान पर जहाज तथा प्रसाद चढ़ाने के बाद उनका विदेश जाने का सपना पूरा हो जाता है।

गुरुद्वारा साहिब में इस बार पुराने लंगरघर की जगह नए लंगरघर का निर्माण करवाया गया है जिसकी खूबरसूरती देखते ही बनती है। इस इमारत का काम गुरुद्वारा साहिब के रिसीवर कम तहसीलदार करणदीप सिंह भुल्लर की देखरेख में शुरु करवाया गया और आधुनिक तरीके से पुरानी इमारत को गिराया गया है तथा उसी इमारत की जगह सुंदर पार्क बनाया गया है और पार्क के पीछे नए लंगर घर को बनाया गया है जिसका काम अंतिम पढ़ाव पर है। श्री भुल्लर ने बताया कि मेले में आई हुई संगत को नए लंगर घर में ही लंगर छकाया जाएगा।
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