सीरिया: आईएसआईएस के अंतिम गढ़ में 3000 आतंकियों का समर्पण

 सीरिया के बघौज में आईएसआईएस के 3 हजार आतंकियों ने आत्मसमर्पण किया है। आतंकियों के परिवारों ने भी सरेंडर किया है। सीरिया का बघौज आईएस के कब्जे वाला अंतिम इलाका है। कुर्दिश अगुआई वाली फौजों का कहना है कि जल्द ही इस शहर पर उनका आधिपत्य हो जाएगा। 2014 में आईएस ने खलीफा के शासन की घोषणा करते हुए इराक और सीरिया के ज्यादातर इलाकों पर कब्जा कर लिया था।

बघौज में अभी भी कैंप बने हैं

सीरिया के पूर्वी गांव बघौज में अभी भी आईएस के टूटे-फूटे कैंप देखे जा सकते हैं। अमेरिकी समर्थन वाली सीरियाई डेमोक्रेटिक फौजें आईएस आतंकियों को पकड़ने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन नदी के किनारे बसे गांवों से पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की भीड़ ने इसे रोक दिया है।बघौज में लगातार तीन रातों से एयर स्ट्राइक और गोलीबारी जारी है। इसमें कई आतंकी मारे जा चुके हैं। इसके चलते आतंकियों के कई रिश्तेदारों ने आत्मसमर्पण कर दिया। अमेरिकी समर्थन वाली एसडीएफ फौजौं ने रविवार को आतंकियों को चेतावनी दी थी कि अब उनका समय पूरा हो चुका है। मंगलवार को 3 हजार आतंकियों ने फौजों के सामने खुद को सौंप दिया।

संयुक्त फौजों ने बघौज में मंगलवार शाम से जमकर गोलीबारी की और आतंकियों को संभलने का मौका नहीं दिया। लिहाजा लोगों को आत्मसमर्पण करना पड़ा। एजेंसी के कॉरस्पॉन्डेंट के मुताबिक- बघौज में लगातार वॉरप्लेन चक्कर लगाते रहे और रुक-रुककर धमाकों की आवाजें आती रहीं। बड़ी संख्या में संयुक्त सेना के सैनिक बघौज के प्रवेश के पास जुट गए थे।

फौज के यूनिट कमांडर के मुताबिक- हम आतंकियों पर बड़ा हमला करने की तैयारी कर रहे हैं। हमारा आत्मविश्वास चरम पर है। हम पूरी सेना के साथ बघौज में घुसेंगे और आतंकियों को उखाड़ फेंकेंगे। हमारी कार्रवाई का मकसद आतंकियों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करना है ताकि सिविलियंस बाहर आएं।

एक ब्रिटिश मानवाधिकार संस्था के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर से अब तक 60 हजार लोग आईएस का ठिकाना छोड़कर जा चुके हैं। बीते कुछ महीनों में आतंकियों ने भी संयुक्त सेनाओं पर हमले किए हैं। एक स्थानीय नागरिक का कहना है कि हमारे पास हजारों किमी का इलाका था, लेकिन अब हमारा दायरा कुछ किमी ही सिमटकर रह गया है। युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है।