सिविल के डाक्टरों की लापरवाही का ग़ुस्सा लोगों पर, बच्चे की मौत के बाद राहगीरों की तोड़ी गाड़ियाँ

BURNING NEWS✍️Rajesh Sharma   सिविल के डाक्टरों की लापरवाही का ग़ुस्सा लोगों ने सड़क पर जा रहे कार चालकों पर निकाला। एक परिवार के नवजात बच्चे की मौत सिविल असपताल में हो गई पर मौत के ज़िम्मेदारों को इससे कोई फ़र्क़ नही पड़ा फ़र्क़ पड़ा राहगीरों को। जो मृतक के परिजनों के ग़ुस्से का शिकार हो गए। वैसे तो जालंधर का सिविल अस्पताल अकसर ही विवादों में घिरा रहता है। यहां आए दिन डाक्टरों या स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगने आम सी बात हो गई है। इसी कड़ी में गायनी एक नवजात शिशु की मृत्यु का आरोप डाक्टरों पर लगा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए बच्चे की दादी जसबीर कौर ने वार्ड के डाक्टरों पर आरोप लगाते हुए बताया कि उसके पोते का जन्म रविवार को हुआ था। आज सुबह तक वह स्वस्थ था दोपहर के समय बच्चे की अचानक तबीयत खराब हो गई। गायनी वार्ड का स्टाफ बच्चे को निक्कु वार्ड में ले गया और दस मिनट बाद स्टाफ ने आकर कहाकि आपके बच्चे की मृत्यु हो गई है। पीड़ित परिवार द्वारा पुलिस को सूचित करने पर पुलिस सिविल अस्पताल पहुंची और जांच कर रही है। उल्लेखनीय है कि 11 जुलाई को बस्ती बावा खेल के नजदीक स्कूली आटो को तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी थी, जिसमें ट्रोमा वार्ड में इलाज के दौरान लड़की रानी की मृत्यु हो गई थी। इस दौरान भी पीड़ित परिवार ने ट्रोमा वार्ड के स्टाफ पर बदतमीजी और लापरवाही करने का आरोप लगाया था, जिसके बावजूद सिविल अस्पताल की लापरवाही कम होते नहीं दिखाई दे रही। रोजाना यहां हजारों की तादात में लोग इलाज करवाने के लिए आते हैं और रोजाना ही सिविल अस्पताल में मरीज के इलाज को लेकर कोई न कोई विवाद खड़ा रहता है।