BURNING NEWS RAJESH SHARMA
पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने अपनी जांच दौरान कपूरथला जिले के फगवाड़ा में स्थित गोल्डन संधर शुगर मिल संबंधी हैरानीजनक तथ्य सामने लाए है। मिल, जिसको पहले वाहिद संधर शुगर मिल के तौर पर जाना जाता था, पिछले चार सालों से गन्ना काश्तकारों के बकाए का निपटारा नहीं कर सकी और मिल की तरफ किसानों के लगभग 40 करोड़ 71 लाख 68 हज़ार रुपए बकाया है।
विजीलैंस ब्यूरो के वक्ता ने बताया कि यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब नवंबर के पहले हफ़्ते गन्नो का पिड़ायी सीजन शुरू होने जा रहा है। गन्ना काश्तकारों की बार- बार माँगों के बावजूद, गोल्डन संधर शुगर मिल अपनी वाहिद संधर शुगर मिल समय पर की मैनेजमेंट से ले कर अपनी वित्तीय ज़िम्मेदारियां को पीछे हटती आ रही है।
इसके इलावा एक बहुत ही हैरानीजनकत तथ्य यह है कि किसानों को अब आई.डी.बी.आई. बैंक फगवाड़ा से लीगल नोटिस मिल रहे है, जिसमें उनको प्रति किसान के हिसाब से बैंक को कुल 3 00, 000 रुपए का के.सी.सी. (किसान क्रेडिट कार्ड) कर्ज़ वापिस करने के लिए कहा जा रहा है। यहाँ हैरान करने वाली बात यह है कि किसानों को बैंक से कर्ज़ लेने या कर्ज़े के फंडों का प्रयोग करने के बारे में कुछ भी पता नहीं है।
इस हालातों के कारण गन्ना काश्तकारों को काफ़ी नुक्सान सहना पड़ा है और उनको गन्ने की फ़सल की 40 करोड़ 71 लाख 68 हज़ार रुपए की अदायगी नहीं की गई है। इसके साथ ही करीब 600 किसान अपने आप को के.सी.सी. कर्जे की देनदारियों संबंधी स्वंय को फंसा महसूस कर रहे है, जिस अनुसार मिल की गारंट्ररशिप अधीन प्रत्येक किसान द्वारा 300,000 रुपए की देनदारी निकाली जा रही है।
उन्होंने कहा कि पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा किसानों के हितों को ध्यान में रख कर इस मसले का हल निकलने की उम्मीद के साथ स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।