BURNING NEWS✍️Rajesh Sharma
कोरोना वैश्विक महामारी के बीच 10 सितंबर से मां चिंतपूर्णी मंदिर को खोलने की तैयारी के बीच जिला प्रशासन ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। मंदिर खुलने के बाद कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए श्रद्धालुओं से लेकर दुकानदारों तक के लिए एसओपी जारी किए गए हैं।
निर्देशों के मुताबिक चिंतपूर्णी मंदिर में प्रतिदिन 500 श्रद्धालुओं को ही दर्शनों की अनुमति होगी। चिकित्सीय परीक्षण के बाद केवल एसिम्टोमैटिक श्रद्धालु ही मंदिर परिसर में जा सकेंगे, जबकि फ्लू जैसे लक्षणों वाले श्रद्धालुओं को अस्पताल में आइसोलेट किया जाएगा और उनकी कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही मंदिर के अंदर जाने की अनुमति होगी। सभी श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करनी होगी। श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य संबंधी परीक्षण के लिए उन्हें नए बस अड्डा के समीप चिंतपूर्णी सदन अथवा प्राधिकृत क्षेत्र में पंजीकरण एवं चिकित्सीय परीक्षण हेतु संपर्क करना होगा।
इसके अलावा भी श्रद्धालुओं को कोविड प्रोटोकॉल को मानना होगा तथा सामाजिक दूरी, मास्क का प्रयोग एवं हाथों को सेनिटाइज करना आवश्यक होगा। आंगतुकों को मंदिर परिसर में गेट एक व दो के माध्यम से निर्धारित सामाजिक दूरी अपनाते हुए भेजा जाएगा। जहां तक संभव हो जूतों को गाड़ी में ही उतारना होगा और यदि जरूरत पड़ती है तो पुराना बस अड्डा के पास जूते रखने के स्थान को प्रयोग में लाया जा सकता है। श्रद्धालुओं को माता चिंतपूर्णी के दर्शानार्थ जाते समय पंक्ति में हर समय 6 फीट की सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी। आंगतुकों को मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पूर्व हाथ और पैर साबुन से धोने होंगे। इसके लिए जगदंबा ढाबा, मंगत राम की दुकान के समीप व पुराना बस अड्डा के पास व्यवस्था की गई है।
मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं का मूर्तियों, धार्मिक किताबों, घंटियों इत्यादि को छूना वर्जित रहेगा। भीड़ का इक्ट्ठा होना पूर्व की भांति वर्जित रहेगा। ढोल नगाड़ों युक्त गायन दलों के आने पर भी मनाही रहेगी। मंदिर में प्रसाद व पवित्र जल का वितरण भी नहीं होगा। बाहरी राज्यों से आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु के लिए न्यूनतम दो रातों की वैध बुकिंग के साथ प्रदेश के बार्डर पर प्रवेश करने से 96 घंटे पूर्व प्राधिकृत लैब द्वारा जारी कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए। दिशा-निर्देशों के मुताबिक 60 साल से अधिक आयु के व्यक्तियों, गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अपने घरों में रहने की सलाह दी जाती है।
पुजारियों के लिए एसओपी
उपायुक्त ऊना तथा मंदिर आयुक्त संदीप कुमार ने कहा कि पुजारी श्रद्धालुओं को न तो प्रसाद वितरित करेंगे और न ही मौली बांधेंगे। उनके द्वारा किसी एक श्रद्धालु या श्रद्धालुओं के समूह के लिए पूजा अर्चना भी नहीं की जाएगी। कन्या पूजन और हवन आयोजन पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। पुजारियों को भी कोरोना संक्रमण के लिए निर्धारित हिदायतों की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी। गर्भगृह में एक समय पर केवल दो पुजारियों को ही बैठने की अनुमति रहेगी।
चिंतपूर्णी सदन के लिए एसओपी
डीसी ने बताया कि चिंतपूर्णी सदन में श्रद्धालु पंजीकरण के लिए संपर्क करेंगे, इसके लिए पंजीकरण और चिकित्सीय परीक्षण हेतु समुचित काउंटरों की व्यवस्था होगी। वहां ड्यूटी पर तैनात स्टाफ हेतु उचित मात्रा में सुरक्षा सामाग्री की व्यवस्था रहेगी, साथ ही निर्धारित मापदंडों की अनुपालना भी सुनिश्चित करनी होगी। बीएमओ के साथ परामर्श करके आइसोलेशन कक्ष बनाया जाएगा तथा मुंडन संस्कार के लिए स्थान चिन्हित किया जाएगा। बाथरूम अथवा टॉयलेट सहित संपूर्ण परिसर को नियमित अंतराल पर सेनेटाइज करना होगा। निर्धारित सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए फर्श पर निशान बनाए जाएंगे।
मुंडन संस्कार के लिए एसओपी
मुंडन संस्कार मंदिर परिसर में नहीं किया जाएगा, यह चिंतपूर्णी सदन में चिन्हित स्थल पर ही किया जाएगा। नाई प्रशासन द्वारा पूर्व में जारी हिदायतों के अनुरूप बाल काटेंगे और कटे हुए बाल तथा अन्य सामग्री कूड़ेदान में एकत्रित करके सफाई कर्मियों को सौंपनी होगी।
दुकानदारों के लिए दिशा-निर्देश
डीसी ने कहा कि दुकानदार व होटल मालिकों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके स्टाफ और आगंतुकों द्वारा फेस कवर का प्रयोग, हाथों को धोना सामाजिक दूरी जैसी हिदायतों की अनुपालना हो रही है। निर्धारित सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए फर्श पर निशान बनाने होंगे और कोई भी दुकानदार दुकान से बाहर विक्रय सामाग्री नहीं रखेगा। उल्लंघन करने वाले की दुकान तीन दिन के लिए बंद कर दी जाएगी।
सफाई व्यवस्था में लगे स्टाफ के लिए एसओपी
मंदिर आयुक्त ने कहा कि सफाई कर्मचारी निर्धारित वर्दी पहनेंगे। सेवा प्रदाता समय-समय पर स्वच्छता सुनिश्चित करेगा और दिन में तीन बार क्षेत्र की सफाई करवाएगा। एकत्र किए गए कचरे का निपटारा किया जाएगा। कर्मचारी व्यक्तिगत स्वच्छता और सुरक्षा का ध्यान रखेंगे। हाथ-पैर धोने के क्षेत्रों, रेलिंग, दरवाजों की नॉब वगैरह की निर्धारित समय पर प्रभावी ढंग से कीटाणुनाशक के माध्यम से सैनिटाइजेशन सुनिश्चित करना होगा।
संदीप कुमार ने कहा कि श्रद्धालु शंभू बैरियर की ओर से गेट नंबर 1 व 2 और मुख्य बाजार से आते हुए चिंतपूर्णी सदन से प्रवेश करेंगे। तीर्थयात्री नए बस स्टैंड और चिंतपूर्णी सदन के समीप पार्किंग स्थानों का उपयोग कर सकते हैं।
लिफ्ट के प्रयोग से संबंधित दिशा-निर्देश
जिलाधीश ऊना ने कहा कि लिफ्ट का प्रयोग वर्जित रहेगा, क्योंकि इससे निर्धारित सामाजिक दूरी बनाए रखना मुश्किल है। दिव्यांगों के लिए लिफ्ट का परिचालन किया जा सकता है किंतु प्रयोग के समय केवल एक व्यक्ति को ही अनुमति दी जाएगी। लिफ्ट के अंदर किसी भी कर्मचारी को बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी और लिफ्ट के प्रत्येक प्रयोग के बाद सेनिटाइज किया जाएगा।