डीसीपी ला एंड आर्डर के आदेशों के अनुसार महानगर में रैस्टोरेंट पब और बार के बंद होने का निर्धारित समय रात्रि 11 बजे का है, जिसके बावजूद कई पब और बार के संचालक देर रात्रि 2 से 3 बजे तक ग्राहकों को शराब परोसते हैं। इस कड़ी में पैडलर बार के संचालक नियमों की धज्जियां उड़ाने के रिकार्ड में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवाने से पीछे नहीं हटते। शनिवार देर रात्रि भी पैडलर 2 बजे तक ग्राहकों का मनोरंजन करवा रहा था, जिसकी सूचना कमिश्नरेट पुलिस को मिली। जिस पर कारवाई करते हुए थाना 6 की पुलिस ने देर रात पैडलर्स बार पर जाकर चल रही पार्टी को रुकवाया। पुलिस ने पब के मालिक पर्व अग्रवाल पुत्र सुधीर अग्रवाल वासी 319 आर माडल टाऊन और मैनेजर विकास कुमार पुत्र भारत भूषण वासी छोटी बारादरी पर आईपीसी की धार 188 के तहत मामला दर्ज कर लिया।
पैडलर्स बार में न्यू ईयर सेलिब्रेशन की बड़े स्तर पर पार्टी के दौरान भी हुई थी कारवाई…
न्यू ईयर सेलिब्रेशन की बड़े स्तर पर पैडलर्स बार में पार्टी आयोजित की जा रही थी। एक्साइज विभाग के अधिकारियों को सूचना मिली थी कि बार में ग्राहकों को जो शराब परोसी जानी है वह पंजाब एक्साइज की नहीं है बल्कि चंडीगढ़ से लाकर परोसी जाने वाली थी।
बता दें के चंडीगढ़ में एक्साइज ड्यूटी कम होने के कारण वहां पर शराब सस्ती है, जबकि पंजाब में अन्य पड़ोसी राज्यों की अपेक्षा एक्साइज ड्यूटी ज्यादा होने के कारण यहां पर शराब काफी महंगी है। जिस कारण पैडलर्स पब के संचालकों ने मोटी कमाई करने हेतू ग्राहकों को चंडीगढ़ मार्का शराब परोसने का प्लान बनाया था। जिस पर कारवाई करते हुए एक्साईज विभाग के अधिकारियों ने पब से 12 पेटियों के करीब चंडीगढ़ मार्का शराब पकड़ कर मामला दर्ज करने की सिफारिश की थी, जिस पर कारवाई करते हुए थाना 6 की पुलिस ने पब के संचालकों और मैनेजर पर मामला दर्ज किया था।
पैडलर्स बार में वीकेंड पर होने वाली पार्टियों में शामिल होने वाले ग्राहकों में अक्सर लड़ाई झगड़े की वारदातें देखने को मिलती हैं। यह झगड़े क्लब के अंदर से शुरू होकर बाहर सड़कों तक पहुंच जाते हैं। यदि प्रशासन क्लब में होने वाली पार्टियों की वीकेंड की सीसीटीवी खंगाले तो शराब के नशे में धुत लोगों के झगड़ने का सच खुद-ब-खुद सामने आ जाएगा। इसकी एक वीडियो भी मौजूद हैं, जिनमें शराब पीकर पब की पार्किंग एरिया में शराब के नशे में लोग झगड़ते दिखाई दे रहे हैं। इसकी शिकायत राहगीर कई बार पुलिस कंट्रोल पर करते हैं, लेकिन पुलिस पहुंचने से पहले ही मामले को शांत करवा दिया जाता है और कई बार तो पुलिस के आने की भनक लगते ही लोग भाग जाते हैं।