BURNING NEWS✍️RAJESH SHARMA
धनतेरस पर सोना-चांदी,आभूषण और बर्तन की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना गया है। इस बार दिवाली 24 अक्तूबर को मनाई जाएगी,लेकिन धनतेरस की तिथि को लेकर मतभेद बना हुआ है कि धनतेरस 22 या 23 अक्तूबर
किस दिन मनाया जाए। धनतेरस 2022: कार्तिक महीने की कृष्ण त्रयोदशी तिथि 22 अक्तूबर की शाम 06 बजकर 02 मिनट पर प्रारंभ हो रही हैं और अगले दिन यानी 23 अक्तूबर की शाम 06 बजकर 03 मिनट पर खत्म हो जाएगी।
धनतेरस का महत्व
शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि पर अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रगट हुए थे। इस कारण से हर वर्ष दिवाली के पहले धन त्रयोदशी के रूप में भगवान धन्वंतरि की जन्मदिन मनाया जाता है। इसदिन इनकी विशेष रूप से पूजा आराधना की जाती है। धनतेरस पर भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। और कुबेर यंत्र,श्रीयंत्र और महालक्ष्मी यंत्र को घर,मंदिर और प्रतिष्ठानों में स्थापित किया जाता है। धनतेरस के दिन सोने, चांदी के आभूषण,सिक्के और बर्तन की खरीदारी होती है। मान्यता है इस दिन खरीदारी करने से साल भर तक 13 गुने की वृद्धि होती है। इसके अलावा धनतेरस पर झाड़ू और धनिए के बीज की भी खरीदारी करते हैं। धनतेरस दिवाली का पहला दिन होता है। धनतेरस की शाम को घर के मुख्य दरवाजे और आंगन में दीये जलाए जाते हैं।
धनतेरस पर बना शुभ खरीदारी का त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग
इस बार धनतेरस पर त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। पंचाग के अनुसार अनुसार त्रिपुष्कर योग में शुभ कार्य करने पर उसमें तीन गुने की सफलता हासिल होती है जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग को शुभ माना गया है क्योंकि इसमें सभी सिद्धियों का वास होता है। सर्वार्थ सिद्धि योग पर राहुकाल का भी असर नहीं होता और खरीदारी करना शुभ फल देने वाला होता है।सर्वार्थ सिद्धि योग 23 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 32 मिनट से आरंभ होगा और दोपहर 2 बजकर 33 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। वहीं त्रिपुष्कर योग दोपहर 01 बजकर 50 मिनट से शाम 06 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।