जालंधर पुलिस डकार गई चोरी के 35 लाख रुपए,थाना प्रभारी पर गिरा दी बिना वजह गाज

BURNING NEWS✍️RAJESH SHARMA

पंजाब पुलिस के कारनामे अक्सर की चर्चा में आते रहते हैं रिश्वतख़ोरी हो या तस्करों से सेटिंग ये मामले तो आम बात हो गई है पंजाब पुलिस के मुलाजिमों के लिए य। पर जालंधर में एक पुलिस का ऐसा मामला सामने आया है जिसमें पुलिस वाले चोर से चोरी का 35 लाख रूपया ही ढकार गए है। जिस पीड़ित के घर चोरी हुई उसे एक रूपया भी घर में हुई चोरी का वापिस नहीं मिला,हैरानी की बात है कि चोर को पकड़ने के बाद उससे रिकवरी भी करवाई गई जालंधर ज्योति चौक के पास एक ज्वैलर को बेचा ओर ख़रीदा पाँच लाख का सोना भी बरामद हो गया पर पीड़ित को कुछ नहीं मिला ओर सारा पैसा पुलिस ही खा गई,अब ये मामला जालंधर पुलिस के उच्चाधिकारियों के गले की हड्डी बन गया है। मामला जालंधर के रामामंडी रोड पर स्थित​ ब्रिटिश ओलविया स्कूल में 3 सितंबर 2022 को 35 लाख की चोरी का है।

जिसमें स्कूल के मालिक मैणी की तरफ से बिजली व एसी रिपेयर करने वालों पर चोरी करने की आशंका जाहिर की गई थी, जिसके बाद चोरी का केस 292 नंबर एफआईआर दर्ज कर लिया गया था। मामला रामामंडी थाने के अधीन आती चौकी ​इंचार्ज मुनीष कुमार के इलाके का था। मामले में मुनीष ने ही जांच की और एसी रिपेयर करने वाले को गिरफ्तार कर लिया लेकिन उससे बरामदगी नहीं हुई और जेल भेज दिया। बाद में बिजली रिपेयर करने वाले को यूपी से गिरफ्तार कर मुनीष कुमार चौकी इंचार्ज जालंधर 11 अक्तूबर को आया। ​मुनीष कुमार ने आते ही बिना अधिकारियों को बताए, अपने थाना मुखी नवदीप सिंह को जानकारी दिए बिना रिकवरी किये चोर का रिमांड नहीं लिया और सीधा जेल भेज दिया।
थाना प्रभारी नवदीप सिंह ने इस बारे में रोजनामचा में रपट डाली कि मुनीष कुमार ने रिकवरी भी नहीं की और चोर को बिना अधिकारियों को बताए सीधा जेल भेज दिया। मामले में 35 लाख रुपये की रिकवरी हो गई थी लेकिन अधिकारियों को बताया नहीं गया और न ही रिकवरी डाली गई। इस पूरे मामले में पैसे डकारने वाले ओर पुलिस वाले के साथ मिलीभगत करके पैसे बाँटने वाले एक नेता भी हैं जो सफ़ेद कपड़े में होने के साथ काली करतूत कर गया।

मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में आया तो सीआईए स्टाफ चोरी के आरोपी को किसी अन्य केस में प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई तो उसने साफ कर​ दिया कि 35 लाख की पूरी रिकवरी चौकी इंचार्ज मुनीष को करवा दी थी, जिसमें कुछ पैसा उसने सोना खरीदने और स्कूटी खरीदने पर खर्च किया था, वह भी रिकवर करवा दिया। इस बारे में थाना के एसएचओ नवदीप सिंह को भनक भी नहीं लगी और न ही किसी सीनियर अधिकारी को। चोरी का आरोपी सीआईए में कबूल कर चुका है कि उसने 35 लाख रुपये रिकवर करवाये हैं। इसमें सारा पैसा बाहर आपस में बांट लिया गया। बताया जा रहा है कि इंस्पेक्टर नवदीप की बदली भी इसी 35 लाख वाले केस में की गई है हालाँकि नवदीप ने चोरी के सामान ओर पैसे के बरामद होने के बाद रिकवरी में पैसा ना डालने ओर चौकी इंचार्ज की 35 लाख के खुर्द बुर्द करने की डीडीआर अपने थाने में डालकर खुद को बेक़सूर बताया है।