ड्रग लाइसेंस बनवाने की एवज़ में माँगी थी रिश्वत एक चढ़ा हत्थे,बाक़ी सभी निहत्थे

BURNING NEWS RAJESH SHARMA 

ड्रग लाइसेंस बनवाने की एवज़ में पिछले लंबे समय से जालंधर में चल रहे गोरखधंधे का पर्दाफ़ाश हुआ है। इससे पहले भी कई बार इंस्पेक्टरों पर या क्लर्कों पर आरोप तो

लगे पर बच निकले। पर अब जालंधर में तैनात ड्रग विभाग के मुलाजिम की छुट्टी हो गई है। पूरी वीडियो भी सामने आई है जिसमें वो लाइसेंस की एवज़ में लाखों की रिश्वत माँग रहा है।

मान सरकार ने जालंधर में तैनात ड्रग कंट्रोल अफसर (डीसीओ) रवि गुप्ता रिश्वत मांगने पर सस्पेंड कर दिया है। उनका वीडियो मिलने के बाद सरकार ने ये कदम उठाया है। सेहत विभाग के सचिव अजोय शर्मा के मुताबिक सरकार को रवि गुप्ता की वीडियो इंटरनेशनल नंबर से भेजी गई है। सरकार ने जांच में ये आरोप सही पाए हैं।

रेट चार से पांच लाख बताया था
1.44 मिनट की वीडियो में मास्क पहने हुए डीसीओ रवि गुप्ता किसी व्यक्ति से ड्रग लाइसेंस बनाने के एवज दो लाख की मांग कर रहे हे। वीडियो में रवि ने कहा कि – वैसे तो रेट चार से पांच लाख रुपए चल रहा है, लेकिन वह दो लाख रुपए में करवा देंगे और अगर आप कहेंगे तो कुछ कम भी कर लेंगे।

उसने कहा कि – वैसे ये काम पूरी तरह बंद है, मगर वह किसी तरह करवा कर देंगे। रवि ने विभाग के जैडएलए (जोनल लाइसेंसिंग अथारिटी) से लेकर आला अधिकारियों से काम करवाने का वादा किया। रवि गुप्ता के ड्राइवर गुरप्रीत पर भी आरोप है। वीडियो के अंत में एक गाड़ी और ड्राइवर की भी तस्वीर है।

टाइप मैसेज भी भेजा
वायरल वीडियो में टाइप मैसेज भी है। मैसेज के अनुसार रवि गुप्ता पर 30 सितंबर 2020 से दो माह पहले तक लाखों रुपये लेने के आरोप लगे हैं। इस बार में डीसीओ रवि गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने मामले को लेकर टाल मटोल किया। कहा, फिलहाल सस्पेंड होने का पत्र उन्हें नहीं मिला है। केवल फोन पर ही सूचना मिली है। डीसीओ रवि गुप्ता की जगह डीसीओ अमरजीत सिंह को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।

जनवरी महीने में बनी वीडियो
स्क्रीन पर दिख रही तारीख के मुताबिक वीडियो ग्यारह जनवरी 2022 की है। वीडियो मंगलवार की है। वीडियो पिछले कई महीनों से व्हाट्सएप ग्रुपों में घूम रही है। अब सरकार के पास वीडियो पहुंचने पर इस पर एक्शन हो गया। उन्हें विभाग के खरड़ स्थित हैडक्वार्टर ट्रांसफर कर दिया गया है। मामले की जांच विजिलेंस को सौंपने के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कमिश्नर को निर्देश दिया गया है।