BURNING NEWS✍️RAJESH SHARMA
हर काम पुलिस वाले रिश्वत लेने में जहां मशहूर है वही हर काम को पहले ख़राब करके फिर उसे ठीक करने का सिस्टम लोगों की जेबें ख़ाली करवा रहा है। हरेक मामले में जाँच के नाम पर लोगों को लूटने का गोरखधंधा अब चरमसीमा पर है। पहले भी कई मामलों में बदनाम रहे भार्गव कैंप के प्रभारी गुरुदेव सिंह ने आख़िर अपने लालच में खाकी को बदनाम कर ही दिया। हैरान की बात है कि कई मामलों में बदनाम पुलिस वाले जालंधर के थानों में किसकी मेहरबानी से तैनात है। कभी रेहडी वालों से फ़्रूट लेकर पैसे ना देने वाले इंस्पेक्टर सेवा सिंह को जालंधर में सबसे ज़्यादा ठगी के मामलो में प्रताड़ित लोगों के आने जाने वाले थाने में इंस्पेक्टर लगाया गया है। वीडियो वायरल हुई फिर सस्पेंड हुआ ओर फिर से ज़्यादा ज़िम्मेदारी दे दी गई ताकि खुलकर ठगी कर सके। आख़िर दागी पुलिस वालों को थाने की कमान देना कहा तक सही है।
ट्रैवल एजेंट का लाइसेंस बनवाने के नाम पर फ़ाईल पास करने के नाम पर जहां थाना भार्गव कैंप के प्रभारी गुरुदेव सिंह को दस हज़ार रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ़्तार किया वहीं एक बार फ़ाईल की रिपोर्ट भेजने के बाद दोबारा किसके कहने पर सब इंस्पेक्टर बलबीर कुमार ने मँगवाई ओर असला ब्रांच में बैठे मुलाजिम लाल चंद ने किसके कहने पर भेजी ओर क्यों भेजी ये मामला करपशन की मुँह बोलती तस्वीर है। वहीं बात यही नहीं ख़त्म होती। जालंधर में ख़ाकी को बदनाम करने वाले मुलाजिमों को थानों के इंचार्ज क्यों लगाया जाता है? जान लोगों पर पहले भी करपशन की शिकायतें हैं उन्हें थाना प्रभारी लगाना तो खुद लोगों को लुटवाने की बात है कि आ भाई फिर लूट।