तहसील में पटवारियों के पास पड़े सरकारी रिकॉर्ड की देखरेख कर रहे प्राईवेट करिंदे

BURNING NEWS✍️Rajesh Sharma

जालंधर तहसील में पटवारियों के पास पड़े लोगों के सरकारी रिकार्ड की देख रेख पटवारियों के पास नहीं बल्कि उनके करिंदो के पास पहुँच चुकी है। तहसील परिसर में हरेक पटवारी के पास रिकार्ड देखने खंगालने या फ़रद लोगों को देने के लिए पटवारी नहीं बल्कि उनके करिंदे ही काम कर रहे है। तहसील में पटवारियों के कमरों में नज़र दौड़ाई जाए तो हर कमरे में प्राईवेट करिंदा ही सरकारी काग़ज़ात के साथ छेड़छाड करता नज़र आएगा। 10 वी फेल होने के बावजूद सरकारी कार्यालयों में सरकारी काग़ज़ों को बनाना पटवारियों ने अपने अनपढ़ करिंदो को सौंपा हुआ है। इन रिकार्ड में कभी भी ये प्राईवेट करिंदे पटवारी की आँखों में धूल झोंककर कोई बढ़ा फेरबदल कर सकते है। जो करिंदे पटवारी से ज़्यादा अमीर भी बन चुके है।

खुद को लेखक बताने वाला करिंदा बना करोड़पति: 

खुद को लेखक बताने वाला पटवारी का करिंदा इन दिनों करोड़ों की प्रापटी बना चुका है। काग़ज़ों में छेड़छाड करके कई तरह की अवैध प्रापटी का मालिक बन गया है। जो मात्र पटवारी के पास बैठकर सरकारी रिकार्ड का रखवाया है।

किसके इशारे में सरेआम तहसील में पटवारियों के कमरे में बैठते है करिंदे? 

डी सी साहब प्रशासनिक कांपलेकस में पटवारियों के कमरे में किसके इशारे में प्राईवेट करिंदे बैठकर सरकारी रिकार्ड के रखवाले बने है। जाँच करवाई जाए तो बढ़े पैमाने पर इस बात का भी पर्दाफ़ाश हो सकता है कि पटवारी किसके इशारे में इनको संरंक्षण देकर सरकारी रिकार्ड के रखवाले बना बैठे है?