NHS अस्पताल में लगा PSA आधारित आक्सीजन प्लांट:DC ने किया शुभारम्भ

BURNING NEWS✍️Rajesh Sharma

कोरोना मरीज़ों के बढ़िया ढंग से उपचार के लिए जालंधर के NHS अस्पताल ने बढ़ी पहल की है। NHS अस्पताल में पी एस ए आधारित आक्सीजन प्लांट को लगाया गया है

जो प्लांट प्रति मिनट 750 दर से आक्सीजन पैदा कर सकता है। जिसमें अब जालंधर के लोगों को अस्पतालों में आने वाली आक्सीजन की कमी दूर होगी। जिसका शुभारम्भ जालंधर के डी सी घनशयाम थोरी ने किया।

डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी की तरफ से शुक्रवार को एन.एच.एस. अस्पताल, कपूरथला रोड में प्रैशर स्विंग एडसोरपशन (पीएसए) प्रौद्यौगिकी पर आधारित आक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया गया। यह प्लांट 750 लीटर प्रति मिनट की दर से मैडीकल आक्सीजन पैदा कर सकता है।
आक्सीजन प्लांट की शुरूआत करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने आक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए एन.एच.एस.अस्पताल की तरफ से किये प्रयत्नों की प्रशंसा की। उन्होनें बताया कि अस्पताल प्रबंधकों ने प्रशासन की तरफ से सभी बड़े अस्पतालों और उद्योगों को पीएसए आधारित प्लांट लगाने की अपील के बाद इस प्राजैक्ट पर काम करना शुरू कर दिया था।
डिप्टी कमिश्नर ने अन्य स्वास्थ्य संभाल और औद्योगिक संस्थानों को भी अपनी, इमारतों में ऐसे प्लांट लगाने की अपील की। उन्होनें कहा कि इससे न सिर्फ़ आक्सीजन की माँग घटेगी, बल्कि आक्सीजन उत्पादन में जालंधर एक स्व -निर्भर ज़िला बनेगा साथ ही बढ़ रही माँग के बोझ नीचे दबे आक्सीजन उत्पादन प्लांटों के भार को कम कर सकेगा। उन्होनें कहा कि यदि अन्य संस्थानों की तरफ से इस प्रकार के प्लांट लगाए जाते हैं, तो बचाई गई आक्सीजन को दूसरे मरीज़ों, जिनको इस जीवन -रक्षक गैस की सख़्त ज़रूरत है, की तरफ ट्रांसफर किया जा सकता है और इसके साथ और ज्यादा जानों को बचाया जा सकता है।
श्री थोरी ने कहा कि इस प्रकार के प्लांटों की स्थापना ‘वन टाईम इनवेस्टमैंट’ है, जिसका उदेश्य संस्थानों को आक्सीजन उत्पादन में आत्म-निर्भर बनाना, जो कि समय की मुख्य ज़रूरत है। उन्होनें अन्य संस्थानों को इस प्रकार के प्लांट लगाने या आक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने की अपील की ,जिससे आक्सीजन की बढ़ रही माँग को पूरा किया जा सके।
ज़िला प्रशासन की तरफ से आक्सीजन की माँग के साथ पूर करने के लिए उठाए गए कदमों पर रौशनी डालते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि आधिकारियों की तरफ से सिविल अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगाने, स्वास्थ्य संस्थानों में आक्सीजन कंसंट्रेटर लगाने, सरकारी अस्पताल में पोस्ट कोविड रिकवरी वार्ड स्थापित करने सहित बहु -आयोगी रणनीति अपनाई गई है। इसके इलावा घर में आक्सीजन सहायता की ज़रूरत वाले मरीज़ों के लिए एक आक्सीजन कंसंट्रेटर बैंक भी स्थापित किया गया है।