ऐसे करे तीसरे नवरात्रे पर पूजा

जालंधर (तरून): मां के तीसरा रूप चंद्रघंटा हैं। उनके इस स्वरूप का ध्यान हमें अपनी दुर्बलताओं से साहसपूर्वक लड़ते हुए उन पर विजय प्राप्त करने की शिक्षा देता हैं। मां का यह स्वरूप दस भुजाओं वाला है, जिनसे वे असुरों से युद्ध करने जाने के लिए उद्यत हैं।  इस दिन मां को  दूध या दूध से बनी मिठाई खीर का भोग लगाकर ब्राह्मणों को दान करना शुभ होता है। इससे दुखों की मुक्ति होकर परम आनंद की प्राप्ति होती है।

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