सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दक्षिण भारतीय वोटर्स को रिझाने के लिए उत्तर भारतीय महिलाओं का अपमान किया है.
अपने इस दावे को मज़बूती देने के लिए दक्षिणपंथी रुझान वाले सोशल मीडिया यूज़र्स ने राहुल गांधी का 15 सेकेंड का एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें उन्हें कहते सुना जा सकता है कि ‘दक्षिण भारतीय महिलाओं की स्थिति काफ़ी बेहतर है’.
तमिलनाडु के दौरे पर निकले राहुल गांधी का ये वायरल वीडियो चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज फ़ॉर वुमेन की छात्राओं के साथ बुधवार को हुए संवाद का है.
सोशल मीडिया के माध्यम से लोग राहुल गांधी पर ये आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष क्षेत्र के आधार पर देश की जनता को बाँटने की कोशिश कर रहे हैं.
लेकिन इन सभी दावों को हमने बेबुनियाद पाया है क्योंकि राहुल गांधी कॉलेज की छात्राओं से देश में महिलाओं की स्थिति पर चर्चा कर रहे थे और उत्तर भारतीय महिलाओं पर टिप्पणी के बाद उन्होंने कहा था कि दक्षिण भारत में भी महिलाओं के लिए सुधार करने की गुंजाइश है.
राहुल का बयान
चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज फ़ॉर वुमेन में संवाद कार्यक्रम शुरू होने के क़रीब 20 मिनट बाद एक छात्रा ने राहुल गांधी से सवाल पूछा था कि भारत में महिलाओं की स्थिति पर और उनके साथ होने वाले भेदभाव पर उनकी क्या राय है?
इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, “मेरा मानना है कि जिस तरह से भारतीय महिलाओं के साथ व्यवहार किया जाता है, उसमें काफ़ी सुधार हो सकता है. ये उल्लेखनीय है कि इस मामले में उत्तर भारत की तुलना में दक्षिण भारतीय महिलाओं की स्थिति काफ़ी बेहतर है.”
“अगर आप बिहार या उत्तर प्रदेश जाएंगे और वहां की महिलाओं के साथ जैसा व्यवहार होता है, उसे देखेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे. इसके कई सांस्कृतिक कारण हैं. लेकिन तमिलनाडु उन राज्यों में शामिल है जहाँ महिलाओं के साथ बेहतर व्यवहार किया जाता है.”
राहुल गांधी की इस बात पर जब सभागार में तालियाँ बजने लगीं तो उन्होंने कहा, “ज़रा सुनिए, इससे पहले कि आप मेरी बात सुनकर ख़ुश हों, मैं कहना चाहूँगा कि तमिलनाडु में भी महिला के लिए काफ़ी सुधार की गुंजाइश है.”
राहुल गांधी ने कहा, “संसद और विधानसभाओं में कम महिलाओं का होना इस बात का संकेत है कि उन्हें पुरुषों से कमज़ोर समझा जा रहा है. लेकिन मैं मानता हूँ कि महिलाएं पुरुषों से ज़्यादा स्मार्ट होती हैं.”
इस कार्यक्रम में राहुल गांधी ने तीन बड़ी घोषणाएं कीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करने वाला महिला आरक्षण विधेयक पारित करेगी.
साथ ही अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो केंद्र सरकार, केंद्रीय सरकारी संगठनों और सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों में सभी पदों का 33% महिलाओं के लिये आरक्षित किया जाएगा और 2023-24 तक शिक्षा के ख़र्च को जीडीपी के 6% तक बढ़ाया जाएगा.