जालंधर (बर्निंग न्यूज़ ): (1) ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें। साफ और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
(2) जब सूर्य लालिमा युक्त हो उस समय उनके दर्शन करके अर्घ्य देना शुभ होता है।
(3) अर्घ्य देते समय हाथ सिर से ऊपर होने चाहिए। ऐसा करने से सूर्य की सातों किरणें शरीर पर पड़ती हैं। सूर्य देव को जल अर्पित करने से नवग्रह की भी कृपा रहती है।
(4) सूर्यदेव की तीन परिक्रमा करें।
(5) सूर्य देव को मीठा जल चढ़ाने से लाभ मिलता हैं, मीठा जल से तात्पर्य हैं की साफ जल में मिस्री मिलाये|
(6) सूर्य को अर्घ्य देते समय इस बात का ध्यान दें की जल की धारा धीरे-धीरे दें|
(7) सूर्य देव को चढ़ाया गया जल किसी के पैरो को स्पर्श ना करें|
(8) सूर्य देव का चढ़ाया गया जल आप अपने पौधों के गमलो में दें सकते हैं| इससे वो किसी के पैर के नीचे नहीं आता हैं|
(9) यदि सूर्य देव का चढ़ाया गया जल यदि किसी के पैर की नीचे आ जाता हैं तो आपको अर्घ्य देने का लाभ नहीं मिलता हैं|
(10) सूर्य देव के चढ़ाये गए जल में कुछ बचा ले और उसको अपने हाथ में लेकर चारों दिशाओ में उसको छिड़कना चाहिए| इसके करने से हमारे आस-पास का वातावरण पाजीटीविटी आती हैं । पंडित शेखर वर्मा —9646081665