BURNING NEWS✍️Rajesh Sharma
( शुक्रवार ) से शुरु होने जा रहा है यह पर्व प्रत्येक शुभ कार्य जैसे माता-पिता, पूर्वजों को नमस्कार करना, प्रणाम करना आदि सिखाता है | इस बार श्राद्ध पक्ष 13 सितबरं से शुरु होकर 28 सितबरं तक चलेगा | ब्रह्म पुराणो के श्राद्ध में श्रदा पक्ष के महत्व का वर्णन मिलता है जिसमें कहा गया है कि जो शात्रोचित्र विधि से पितरों को लक्ष्य करके श्रद्धापूर्वक ब्राह्मण को दिया जाता है वही श्राद्ध है | श्राद्ध हमारे पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने का एक वैदिक संस्कार हैं । हम श्राद्ध पक्ष में पूर्वजों को यादगार कर उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करते हैं। ये 15 दिन तक होते हैं ऐसा माना जाता है कि इन 15 दिन हमारे पितृ पितृलोक से पृथ्वीलोक पर आते हैं। इन 15 दिनों में पितृों को पिण्ड दान तथा तिलांजलि कर उन्हें संतुष्ट करना चाहिए। श्राद्ध के सोलह दिनों में लोग अपने पितरों को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर श्राद्ध करते हैं। श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन जरूर करवाना चाहिए। आपको बता दें कि इस बार 14 को प्रतिपदा और 15 सितम्बर को द्वितीया का श्राद्ध होगा और 28 सितम्बर को सर्व पितृ अमावस्या का श्राद्ध होगा | 16 को मध्याह्न तिथि न मिलने के कारण श्राद्ध नहीं होगा और इस बार दशमी और एकादशी तिथि का श्राद्ध एक ही दिन होगा |