किसानों के सबसे बड़े शुभचिंतक सीएम मान

पंजाब एक कृषि प्रधान प्रदेश है। पंजाब के लोग अधिकतर रूप से कृषि से संबंधित हैं। पंजाब के किसानों ने देश में हरित क्रांति लाने में अहम योगदान डाला। पंजाब समेत देशभर के कई प्रदेश भूजल के कम हो रहे स्तर से चिंतित हैं।

पानी के बिना कहीं भी कृषि की कल्पना नहीं की जा सकती, सिंचाई के लिए नहरी पानी का प्रयोग इसका सही समाधान है। आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने सिंचाई के लिए नहरी पानी की मांग पूरी करने के साथ-साथ पंजाब में पानी की कमी से निपटने एवं टिकाऊ कृषि गतिविधियों को समर्थन देने के लिए उपाय करने शुरू किए हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार द्वारा टेलों तक नहरी पानी पहुंचाने के लिए 15,914 खालें बहाल की हैं, जिसको पंजाब सरकार की बड़ी उपलब्धि माना जाता है। पंजाब सरकार के मुताबिक चार दशकों में पहली बार 20 नहरों में पानी आया है। इससे 916 माइनरों एवं खालों में पानी आया है। कुछ क्षेत्रों को तो 35-40 सालों बाद सिंचाई के लिए पानी मिला है। यह काफी समय से सूखी पड़ी जमीनों के लिए बड़ी राहत है। पंजाब के जल संरक्षण विभाग ने 2400 किलोमीटर जमींदोज पाइपलाइनें बिछाई हैं। इससे पंजाब के 30,282 हेक्टेयर रकबे को लाभ मिल रहा है।
सरकार की इस पहलकदमी के तहत किसान समूहों के लिए 90 फीसदी सबसिडी एवं व्यक्तिगत किसानों के लिए 50 प्रतिशत सबसिडी की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। कृषि के लिए कुशल जल सिंचाई प्रणालियों के अधीन करीब 6 हजार हेक्टेयर रकबा तुपका एवं फुहारा सिंचाई प्रणालियों के अधीन लाया गया है, इसके लिए 90 फीसदी तक सबसिडी दी जा रही है।

पंजाब सरकार ने भूजल के सदुपयोग के लिए प्रयास शुरू किए हैं, जिनमें नहरी एवं उप सतही जल स्रोतों के सदुपयोग, बजट में बढ़ोतरी एवं उचित समय पर फंड जारी करना शामिल है। सरकार ने प्रदेश के 125 गांवों में सोलर लिफ्ट सिंचाई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं ताकि सिंचाई के लिए छप्पड़ के पानी का प्रयोग किया जा सके, इससे भूजल की निरंतरता घट जाएगी।