BURNING NEWS✍️RAJESH SHARMA
कपूरथला के सियासी रसूखदार राणा परिवार को बढ़ा झटका लगा है, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) से बड़ा झटका लगा है। इससे इनकी आधिपत्य वाली राणा शुगर लिमिटेड (आरएसएल) की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। सेबी ने आरएसएल के निदेशक मंडल समेत पांच फर्मों को दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं, आरएसएल सहित छह फर्मों, चेयरमैन, एमडी, डायरेक्टर व प्रमोटर, राणा परिवार के सदस्य व अन्य समेत 15 पर 63 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
कपूरथला के सियासी रसूखदार राणा परिवार को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) SECRETARY EXCHANGES BOARD OF INDIA से बड़ा झटका लगा है। इससे इनकी आधिपत्य वाली राणा शुगर लिमिटेड (आरएसएल) की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। सेबी ने आरएसएल के निदेशक मंडल समेत पांच फर्मों को दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं, आरएसएल सहित छह फर्मों, चेयरमैन, एमडी, डायरेक्टर व प्रमोटर, राणा परिवार के सदस्य व अन्य समेत 15 पर 63 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी के मुख्य महाप्रबंधक की ओर से जारी फाइनल ऑर्डर में 45 दिन के अंदर उक्त राशि का ऑनलाइन भुगतान का निर्देश दिया गया है। साथ ही आरएलएल को पांच फर्मों से 15 करोड़ रुपये की जुर्माना राशि 60 दिन में रिकवर करने के भी आदेश जारी किए हैं।
सेबी के मुख्य महाप्रबंधक जी रामर की ओर से 27 अगस्त को फाइनल ऑर्डर जारी किया गया। इसमें आरएसएल के प्रमोटरों व प्रमोटर से संबंधित संस्थाओं की ओर से आरएसएल से फंड के डायवर्जन, आरएसएल के वित्तीय विवरणों में गलत बयानी समेत कई कार्रवाई में आरोपी पाया गया। इससे सेबी एक्ट-1992, सेबी के पीएफयूटीपी रेगुलेशन-2003 और एलओडीआर रेगुलेशन-2015 के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है। इसकी जांच अवधि वित्तीय वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2020-21 तक मानी गई है।
सेबी की जांच में अन्य बातों के साथ-साथ आरोप लगाया गया कि कंपनी ने अपने प्रबंध निदेशक, अध्यक्ष और परिवार के अन्य सदस्यों सहित अपने प्रमोटर निदेशकों के साथ मिलकर आरएसएल के प्रबंध निदेशक और उनके परिवार के सदस्यों की ओर से अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित कुछ निजी सीमित कंपनियों का उपयोग करके कंपनी के धन को डायवर्ट करने की योजना तैयार की थी। इन निजी कंपनियों को संबंधित पक्ष के रूप में नहीं दिखाया गया, भले ही ये अप्रत्यक्ष रूप से आरएसएल के प्रमोटरों की तरफ से इसके प्रबंध निदेशक सहित नियंत्रित थीं और परिणामस्वरूप इन निजी कंपनियों के साथ लेनदेन को भी संबंधित पक्ष के लेनदेन के रूप में नहीं दिखाया गया।
सेबी ने आरएसएल के एमडी कम-प्रमोटर इंद्रप्रताप सिंह राणा, चेयरमैन कम-प्रमोटर रणजीत सिंह राणा, डायरेक्टर कम-प्रमोटर वीरप्रताप सिंह राणा, गुरजीत सिंह राणा, करण प्रताप सिंह राणा, राजबंस कौर राणा, प्रीतइंद्र सिंह राणा, सुखजिंदर कौर (राणा परिवार सदस्य), मनोज गुप्ता और पांच फर्म फ्लालेस ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड, सेंचुरी एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, जेआर बिल्डिर्स प्राइवेट लिमिटेड, आरजे टैक्सफैब प्राइवेट लिमिटेड, आरजीएस ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड की स्टॉक मार्केट में प्रवेश पर रोक लगा दी है। इन सभी को इस आदेश के लागू होने की तारीख से दो साल की अवधि के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सिक्योरिटीज मार्केट से खरीद, बिक्री या अन्यथा लेनदेन करने या किसी भी तरह से बाजार से जुड़े होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सेबी चीफ की ओर से जारी आर्डर में आरएसएल के एमडी कम-प्रमोटर इंद्रप्रताप सिंह राणा, चेयरमैन कम-प्रमोटर रणजीत सिंह राणा, डायरेक्टर कम-प्रमोटर वीरप्रताप सिंह राणा, गुरजीत सिंह राणा, करण प्रताप सिंह राणा, राजबंस कौर राणा, प्रीतइंद्र सिंह राणा, सुखजिंदर कौर को दो साल के के लिए किसी अन्य सूचीबद्ध कंपनी के निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्ति के रूप में कोई भी पद धारण करने से भी प्रतिबंधित किया गया है।
सेबी ने इस नोटिस के मिलने से 45 दिन के भीतर आरएसएल समेत छह फर्मों व राणा परिवार के आठ सदस्यों व एक अन्य व्यक्ति पर लगे 63 करोड़ रुपये के जुर्माने की राशि के ऑनलाइन भुगतान के आदेश जारी किए हैं।किसे कितना जुर्माना
राणा शुगर लिमिटेड-07 (राशि करोड़ में)
इंद्रप्रताप सिंह राणा-09
रणजीत सिंह राणा-05
वीरप्रताप सिंह राणा-05
गुरजीत सिंह राणा-04
करणप्रताप सिंह राणा-04
राजबंस कौर-04
प्रीत इंद्र सिंह राणा-03
सुखजिंदर कौर-03
मनोज गुप्ता-04
फ्लालेस ट्रेडर्स प्रा.लि.-03
सेंचुरी एग्रो प्रा.लि.-03
जेआर बिल्डर्स प्रा.लि.-03
आरजे टैक्सफेब प्रा.लि.-03
आरजीएस ट्रेडर्स प्रा.लि.-03