BURNING NEWS✍️RAJESH SHARMA
विरक कॉलोनी गांव मेहतपुर तहसील नकोदर निवासी राजवीर सिंह पुत्र कश्मीर सिंह ने शुक्रवार को प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान केनरा बैंक के एक मैनेजर और कुछ पुलिस अधिकारियों पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए अपने साथ हुई एक करोड़ 10 लाख की बड़ी ठगी के बारे में बताया। राजवीर ने कहा कि उसके पुराने परिचित नीरज वर्मा और तेजेंद्र कुमार वर्मा ने उसे बहला-फुसलाकर अपनी फैक्ट्री में पार्टनरशिप देने और पैसों की कमाई का लालच देकर उससे उक्त पैसे लिए। मगर ना तो उसे अपनी फैक्ट्री में पार्टनर बनाया और ना ही उसके पैसे वापस। पैसों के एवज में दिए गए चेक और एफिडेविट के बावजूद अब उसे ही चोर साबित करने की कोशिश की जा रही।राजवीर ने कहा कि बार-बार अपने पैसों का तकाजा करने के बाद भी नीरज ने उसे उसके पैसे नहीं लौटाए जिस वजह से उसे मजबूरन बैंक में एक करोड़ 10 लाख का चेक लगाना पड़ा । मगर शातिर नीरज ने ना केवल उसका चेक बाउंस करवा दिया बल्कि बैंक मैनेजर व पुलिस अधिकारियों के साथ सांठगांठ करते हुए गलत ढंग से बाउंस हुआ चेक पुलिस के पास भिजवा दिया। राजवी ने बताया कि उसकी हरानी का ठिकाना नहीं रहा जब करतारपुर थाने से उसे फोन आया और कहा गया कि करतारपुर के डी एसपी साहब के पास उसके खिलाफ शिकायत आई है कि उसने जो चेक बैंक में लगाया है वह चोरी का है और उसके ऊपर नीरज के जाली हस्ताक्षर किए गए हैं। राजवीर ने कहा कि नीरज द्वारा रची गई इस साजिश के तहत उसे चोर साबित करने की पूरी कोशिश की जा रही है जिसमें पुलिस द्वारा उसे बार-बार प्रताड़ित और परेशान भी किया जा रहा है। राजवीर ने कहा कि पुलिस बार-बार उसके घर जाकर उसके परिजनों को परेशान कर रही है इतना ही नहीं पुलिस द्वारा उसके ऊपर इस बात का दबाव भी बनाया जा रहा है कि वह नीरज के साथ राजीनामा कर ले और पैसों का अपना दावा छोड़ दे। राजवीर ने कहा कि उसे इस बात का पूरा डर है कि पुलिस उसे किसी ना किसी झूठे मामले में फंसा सकती है। नीरज द्वारा पहले ही बैंक मैनेजर और अधिकारियों के साथ पैसों के दम पर सेटिंग कर ली गई है। राजवीर ने अपने और अपने परिवार की जान का खतरा भी बताते हुए यह भी बताया कि वह इस संबंधी एसएसपी नवजोत सिंह महाल के पास एक लिखित शिकायत देने वाले हैं और इसके अलावा वह माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में भी पुलिस और बैंक मैनेजर के खिलाफ एक याचिका दायर करने वाले हैं ताकि उक्त लोगों द्वारा की जा रही द के शाही से उन्हें न्याय प्राप्त हो सके।राजवीर ने कहा की पुलिस का कहना है कि नीरज ने अपने चेक चोरी होने की शिकायत लिखाई है और चेक के ऊपर किए गए हस्ताक्षर को अभी जाली ठहराया है। जबकि सोचने वाली बात है कि एक इतनी बड़ी फैक्ट्री चलाने वाला मालिक इतनी बड़ी लापरवाही कैसे कर सकता है कि उसका चेक चोरी हो और वह पुलिस के पास कोई कंप्लेंट ही दर्ज ना करवाए।राजवीर ने कहा कि यह भी अपने आप में कई सवाल खड़े करता है कि बैंक में चेक लगने के बाद पुलिस उसकी शिकायत कैसे ले सकती है क्योंकि यह मामला माननीय अदालत के विचाराधीन ही हो सकता है।जिस प्रकार पुलिस प्रशासन धक्के शाही कर रही है उससे यह साफ होता है कि किसी भी व्यक्ति के पास अब चेक बाउंस होने की सूरत में माननीय अदालत के पास न्याय लेने के लिए जाना संभव ही नहीं होगा क्योंकि ऐसे सभी मामलों में अगर कोई डिफाल्टर होगा वह पैसों के दम पर पुलिस के पास चला जाएगा और सेटिंग करके सारे के सारे चेक पुलिस ही अपने पास कब्जे में ले लेगी और माननीय अदालतें 136 के केसों में खाली हो जाएंगी।राजवीर ने कहा कि पुलिस द्वारा किया गया उक्त कार्य सीधा-सीधा माननीय अदालत के कार्य क्षेत्र में दखल देने के समान है। सोचने वाली बात है कि आपके खाते में लगाया गया चेक जो कि आपकी धरोहर है उसे बैंक कैसे किसी अन्य को सौंप सकता है।