कैनेडा के कालेजों में दो साल के लिए भारतीयों छात्रों की एंट्री बैन

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कैनेडा ने एक बार फिर से भारतीय छात्रों को बढ़ा झटका दिया है, कैनेडा के ब्रिटिश कोलंबिया में कई कालेजों में भारतीयों छात्रों के आने पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया है। हालाँकि ये वो कालेज बताए जा रहे हैं जो बाहरी छात्रों को झूठे वायदे करके कालेज में एंट्री देते थे , ये भी संभावना है कि भारतीय ट्रैवेल एजेंटों ने जिन्होंने वहीं कई अपने कालेज खोल रखे थे जिसके आधार पर वे भारतीय छात्रों को आउटर लेटर मंगवा कैनेडा अपने ही कालेज में भेजते थे।

कनाडा ने आवास संकट और संस्थागत ‘बुरे तत्वों’ से निपटने का हवाला देते हुए घोषणा की है कि नए अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा पर तत्काल दो साल की सीमा रहेगी। कनाडा के इस फैसले से वहां पढ़ाई करने का सपना देखने वाले भारतीयों पर असर पड़ने की संभावना है।

कनाडा के अप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि सीमा के हिस्से के रूप में 2024 में नए अध्ययन वीजा में 35 प्रतिशत की कमी होगी। इस सीमा के परिणामस्वरूप 2024 में 364,000 नए स्वीकृत परमिट होने की उम्मीद है। पिछले साल लगभग 560,000 ऐसे वीजा जारी किए गए थे। यह सीमा दो वर्षों के लिए लागू रहेगी; उन्होंने कहा कि 2025 में जारी किए जाने वाले परमिटों की संख्या का इस साल के अंत में पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा।

यह कदम कनाडा में प्रवेश करने वाले गैर-स्थायी निवासियों की बढ़ती संख्या को लेकर प्रांतों की ओर से संघीय सरकार पर दबाव के बीच उठाया गया है, जबकि देश आवास संकट से जूझ रहा है। मिलर ने कनाडा में रहने की उम्मीद रखने वाले छात्रों को “डिग्री देने वाले संस्थान जो फर्जी बिजनेस डिग्री दे रहे हैं” के बारे में बात की। मंत्री ने कहा कि कनाडा में ऐसे “सैकड़ों” स्कूल संचालित हो सकते हैं और यह संख्या “पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है।”