पहले से ही आफ़त में फँसे इस देश में कुदरत का क़हर 120 की मौत

BURNING NEWS

पहले से ही बीमारियों से झूल रहे देश में एक बार फिर से कुदरत ने आफ़ता ला दी है, कुदरती आफता में क़रीब 111 लोगों की मौत हो गई है। चीन में भूकंप से अब तक 111 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 200 से अधिक लोग घायल है। बता दें, चीन के उत्तर-पश्चिमी प्रांत गांसु और किंघई में सोमवार देर शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 आंकी गई है। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर है।

राहत कार्य शुरू, बाचव दल मौके पर मुस्तैद, राष्ट्रपति ने दिए निर्देश
एक सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, गांसु की राजधानी लान्झू में भूकंप के झटके महसूस होते ही विश्वविद्यालय के छात्र अपने छात्रावासों से बाहर निकल आए। वहां हंगामा हो रहा था। चीनी मीडिया ने बताया कि रेस्क्यू दल मौके पर पहुंच गया है। बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। टेंट, फोल्डिंग बेड और रजाइयां मौके पर पहुंचाई जा रही है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ उन्होंने मृतकों की संख्या कम करने के लिए उपाय करने के भी निर्देश दिए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है, जहां उनका इलाज जारी है।

क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।