BURNING NEWS✍️RAJESH SHARMA
सिटी के नामी होटलों की श्रेणी में शुमार प्रैजीडैंट होटल के स्वयं-भू मालिक बनकर एक्ट कर रहे जे.पी सिंह को अब कोर्ट के ताजा आदेश के मुताबिक होटल का संचालन करना होगा।
जानकारी मिली है कि कोर्ट ने दिवंग्त पाटर्नर वेद प्रकाश शूर के पुत्र जतिन शूर की याचिका पर होटल संचालन को लेकर स्टे आर्डर जारी कर दिया है।
स्टेआर्डर के मुताबिक अब होटल का संचालन कर रहे जे.पी सिंह को होटल की चल-अचल संपति से जुड़ी कार्यवाही के लिए कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। कोर्ट ने इस ताजा आदेश के साथ केस की सुनवाई के लिए इशू भी फ्रेम किए है जिन पर आने वाले दिनों में सुनवाई होगी।
उधर, खबर यह भी मिली है कि याची जतिन शूर ने जे.पी सिंह के खिलाफ सिविल के अलावा क्रिमिनल केस दर्ज करने की मांग को लेकर भी मोर्चा खोल रखा है। सिटी पुलिस में शिकायत और कार्रवाई पर दबाव होने की सूरत में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर रखी है।
दरअसल मामला यह है कि याची जतिन शूर और होटल के एम.डी बनकर संचालन करने वाले जे.पी सिंह के मध्य शेयरों की मलकीयत को लेकर विवाद पनपा था। जतिन का दावा है कि उनके दिवंग्त पिता जीवित रहते होटल प्रैजीडैंट का संचालन करने वाली कंपनी मैस. स्टरलिंग होटलियर प्राइवेट लिमिटेड के शेयर होल्डर थे।
बकौल, जतिन शूर उनके पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने जे.पी. सिंह से पिता के हिस्से वाले 12.5 प्रतिशत शेयर वापस ले लिए जिनके आधार पर जे.पी. सिंह खुद को 18 प्रतिशत शेयर होल्डर होने का दावा करता था और एम.डी की पोस्ट को संभालकर होटल का संचालन करता आ रहा था।
जतिन की याचिका के मुताबिक जे.पी. सिंह के नाम पर मात्र 5.5 प्रतिशत शेयर ही थे और 12.5 प्रतिशत उनके नाम पर हो चुके थे। बावजूद इसके जे.पी. सिंह ने इस बारे डायरैक्टर को सूचित नहीं किया और आरओसी की रिटर्न में उनके हिस्से के शेयर को शो नहीं किया और खुद को 18 प्रतिशत शेयर का मालिक शो किया जोकि सरासर फ्राड है।
उधर, दूसरे पक्ष के जे.पी. सिंह ने याची पक्ष के सभी आरोपों को निराधार बताया लेकिन स्टे पर बहस के दौरान उनकी दलीलें कोर्ट के समक्ष टिक नहीं पाई और कोर्ट ने उक्त फैसला सुनाया। बताया जा रहा है कि इस विवाद को लेकर शेष डायरैक्टर्स फिलहाल मौन है और धरती पर जारी दोनों के युद्ध को आसमान से देखने वाले देवताओं की तरह देख रहे हैं।
सूत्रों का दावा है कि याची जतिन शूर ने पूरा जोर लगा रखा है कि इस आदेश के बाद क्रिमिनल लाईबिल्टी को फिक्स करके जे.पी. सिंह पर एफआईआर करवाई जाए और उनको जेल की सलाखों के पीछे धकेला जाए लेकिन इसके लिए उनको काफी मशक्त करनी होगी क्योंकि जे.पी सिंह को भी उनके ससुराल पक्ष का काफी संरक्षण प्रदान है। उधर, सुनने में यह भी आ रहा है कि कुछ डायरैक्टर्स ने इस विवाद के चलते होटल कंपनी से अपना हिस्सा लेकर छोडऩे का भी फैसला कर लिया है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में होटल का विवाद काफी चर्चा का विषय बना रहेगा।