BURNING NEWS✍️Rajesh Sharma
नो पार्किंग में खड़ी लोगों की गाड़ियों को जबत करके उनके चालान काटने वालो के पास लोगो की गाड़ियाँ उठाने की परमिशन तक नही है। खुद जालंधर पुलिस की मिलीभगत से लोगों की गाड़ियां टो करके ले जाने वालो का ठेका एक साल से ज़्यादा समय से ख़त्म हो चुका है।हैरानी की बात है कि एक साल से ज़्यादा हो गया गाड़ियाँ उठाने की ठेका ख़त्म हुए को पर उसके बावजूद पुलिस मुलाजिम टो करने वाली गाड़ी में बैठकर नो पार्किंग में खड़ी गाड़ियाँ उठा लोगो से धक्के शाही कर रहे है।
कांग्रेसी नेता ओर आर टी आई एक्टिविस्ट संजय सहगल ने किया ख़ुलासा
लोगों की गाड़ियां जब्त करने वालो के पास गाड़ियां उठाने का ठेका तर नही पर हैरानी की बात ये इतने समय से गाड़ियाँ कैसे उठाते रहे। संजय सहगल ने इस बात का ख़ुलासा किया। संजय सहगल ने आर टी आई में माँगी रिपोर्ट में ख़ुलासा किया है कि जो टो वाहन लोगो की गाड़ियाँ नो पार्किंग से टो करके उनके चालान काटती है उनके पास किसी की गाड़ी ज़ब्त करने का ठेका ही ख़त्म हो चुका है।
गाड़ियाँ उठाने का ठेका ख़त्म होने पर भी लेते रहे सरकार से पैसा ?
जालंधर में जिस वयकित के पास नो पार्किंग मे खड़ी गाड़ियाँ उठाने का ठेका था वो एक साल तक था जो ख़त्म होने के बाद भी गाड़ियाँ कैसे उठा रहा था ये समझ से परे है। गाड़ियाँ उठाते समय पुलिस मुलाजिम भी गाड़ी वाले के साथ होते थे। जो गाड़ियाँ उठाकर मोटे चालान वसूल रहे थे।
उच्चाधिकारियों के ध्यान में भी आएगा मामला
ठेका ख़त्म होने के बाद भी एक साल से ज़्यादा समय तर जालंधर में लोगो की गाड़ियाँ उठाने का मामला उच्चाधिकारियों के ध्याना में लाया जाएगा। ठेके की बोली क्यों नही हुई ओर बोली किसने करवानी थी से बातें में जाँच का विषय है। इसमें जिनकी भूमिका भी सामने आती है उन पर कारवाई होना निश्चित है।