BURNING NEWS✍️RAJESH SHARMA
कनाडा ने विदेशी छात्रों के लिए दिए जाने वाले स्टडी परमिट की संख्या घटाने का फैसला किया है। यह कदम अस्थायी निवासियों की संख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को इस फैसले की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस साल 35% कम स्टडी परमिट दिए जाएंगे और अगले साल यह संख्या 10% और घटेगी। इस फैसले का करीब 4.27 लाख भारतीय छात्रों पर पड़ सकता है, जो मौजूदा समय में वहां पढ़ाई कर रहे हैं या भविष्य में पढाई के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे हैं।
कनाडा में 260% बढ़ी भारतीय स्टूडेंट़्स की संख्या
कनाडा भारतीय छात्रों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्यों में से एक है। भारतीय सरकार के आंकड़ों के अनुसार, कुल 13,35,878 भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ रहे हैं, जिनमें से 4,27,000 छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों में भारतीय छात्रों की संख्या में 260 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब कनाडा के इस कदम से भारतीय छात्र अन्य देशों जैसे अमेरिका, यूके, और ऑस्ट्रेलिया को चुन सकते हैं।
विदेशी कामगारों पर भी लागू होगा यह नियम
कनाडा सरकार का यह फैसला सिर्फ छात्रों पर ही नहीं, बल्कि अस्थायी विदेशी कामगारों पर भी लागू होगा। इस नए नियम के तहत कुछ छात्रों और अस्थायी विदेशी कामगारों के जीवनसाथी के लिए वर्क परमिट की पात्रता भी सीमित की जाएगी। कनाडा सरकार ने पहले ही अस्थायी निवासियों की संख्या को कुल जनसंख्या के 5% तक सीमित करने का वादा किया था, जो अप्रैल में 6.8% थी।
अफोर्डेबल हाउसिंग और जीवन स्तर का संकट
कनाडा में आवासीय संकट और जीवन यापन की लागत में वृद्धि के लिए आंशिक रूप से प्रवासियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। सरकार का मानना है कि अस्थायी निवासियों की संख्या को नियंत्रित करना इन समस्याओं को कम करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा कि आव्रजन हमारी अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है, लेकिन जब लोग सिस्टम का दुरुपयोग करते हैं, तो सरकार सख्ती करती है।
इंटरनेशनल स्टूडेंट्स परमिट की संख्या में कमी
कनाडा ने 2023 में 5,09,390 स्टडी परमिट मंजूर किए थे और 2024 के पहले सात महीनों में 1,75,920 परमिट जारी किए हैं। सरकार की योजना के तहत 2025 तक यह संख्या घटाकर 4,37,000 कर दी जाएगी। यह फैसला अगले साल होने वाले संघीय चुनावों के पहले जनता की राय को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि अस्थायी निवासियों की संख्या को कम किया जा सके।
नए नियमों की समीक्षा करेगी कनाडा सरकार
कनाडा ने जनवरी में अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर दो साल की सीमा लगाई थी। अब, सरकार वीजा की सख्ती को मजबूत करने के लिए उपायों की समीक्षा करने की योजना बना रही है। इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि हकीकत यह है कि हर कोई कनाडा नहीं आ सकता और जो आ चुके हैं, उनमें से भी हर कोई यहां नहीं रह सकता। इसके बाद से कनाडा में रह रहे प्रवासी भारतीय स्टूडेंट्स और कर्मचारियों की चिंता बढ़ गई है।