पुलवामा हमले के बाद पाक को भेजी खुफिया जानकारी
अमृतसर, जेएनएन। यहां मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज के एक इलेक्ट्रीशियन को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इससे यहां सनसनी फैल गई। रामकुमार नामक इस व्यक्ति को भारतीय खुफिया एजेंसी ने गिरफ्तार किया है। उसने पुलवामा में आतंकी हमले के बाद आइएसआइ को सेना की खुफिया जानकारी और गतिविधियों के बारे में जानकारी दे रहा था। उधर, रामकुमार के पिता ने कहा कि बेटे की करतूत से परिवार शर्मसार है। रामकुमार गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है।
स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने आरोपित के कब्जे से दो मोबाइल, चार सिम कार्ड, लैपटॉप और अन्य दस्तावेज बरामद कर मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल एसएसओसी आरोपित के बैंक अकाउंट और सोशल मीडिया पर बने अकाउंट्स खंगाल रहा है। बताया जाता है कि आरोपित ने पुलवामा हमले के बाद सेना की कई अहम जानकारियां आइएसआइ को दी है।
जांच में खुलासा हुआ है कि वह पिछले छह महीने से एक्टिव था और आइएसआइ से जुड़ा हुआ था। उसने व्हाट्सएप के जरिए आइएसआइ के आका को भारतीय सेना के कुछ बड़े अफसरों के मोबाइल नंबर भेजे थे। पता चला है राम कुमार ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर भेजे गए संदेश उसी समय डिलीट कर देता था। एसएसओसी के अधिकारी पंजाब पुलिस की साइबर शाखा से भी जांच में सहयोग ले रहे हैं।
एसएसओसी के इंस्पेक्टर हरविंदर सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि मूल रूप से फाजिल्का और वर्तमान में जालंधर के नलवा रोड स्थित दशहरा ग्राउंड के पास रहने वाला राम कुमार सेना की गुप्त जानकारियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ को बेच रहा है। आरोपित राम कुमार जालंधर कैंट स्थित मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमइएस) में 2013 से बतौर इलेक्ट्रीशियन काम कर रहा है। इसके चलते उसे सेना की कई गुप्त जानकारियां और सेना के कई बड़े अधिकारियों के नंबर भी पता हैं।
इसी आधार पर एसएसओसी ने जाल बिछाया और आरोपित को ब्यास के पास से धर लिया और अमृतसर के स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल में केस दर्ज किया। पूछताछ में सामने आया है कि राम कुमार पिछले एक साल से आइएसआइ के एजेंट्स के संपर्क में था। आरोपित ने बताया कि पाकिस्तान आधारित इंटेलिजेंस ऑपरेटिव से सोशल मीडिया पर उसकी दोस्ती हुई। अकसर व्हाट्सएप और फेसबुक के माध्यम से वह उनसे बातचीत करता था।
उसको भारत-पाकिस्तान सरहद पर तैनात भारतीय सेना की इकाइयों, रक्षा दलों की हरकतों और विशेष सेना दलों की जानकारी देने के लिए कहा गया था। बताया जाता है कि राम कुमार भारत-पाक सीमा पर स्थित सेना की यूनिट्स, कंटीली तार के पास चलने वाली बीएसएफ की गश्त, सेना के चलने वाले काफिलों के अलावा कई महत्वपूर्ण जानकारियां सोशल मीडिया के द्वारा आइएसआइ को भेज चुका है।
इसके एवज में उसे चार बार में 60 हजार रुपये मिल चुके हैं। उक्त राशि का भुगतान उसके बैंक खाते में किया जा चुका है। अब सुरक्षा एजेंसियां राम कुमार के बैंक खातों की डिटेल्स एकत्र कर रही हैं। उसका लैपटॉप और फोन खंगाला जा रहा है। पता किया जा रहा है कि सोशल साइट्स के मार्फत आरोपित आइएसआइ से क्या-क्या जानकारियां साझा कर चुका है।
खुफिया एजेंसियां पता लगा रही है कि आरोपित के कितने सहयोगी इसमें शामिल हैं। बताया जा रहा है कि राम कुमार के कुछ दोस्त और करीबियों पर भी एजेंसियों की नजर है। आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। शुक्रवार की शाम एसएसओसी ने राम कुमार को अमृतसर स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश कर 19 मार्च तक का पुलिस रिमांड हासिल किया है।
आरोपित ने पूछताछ में बताया कि पुलवामा हमले के बाद आइएसआइ एजेंट ने उससे ज्यादा बातचीत करनी शुरू कर दी थी। पाक एजेंट उससे मांग कर रहे थे कि वह सीमा के पास सेना की ज्यादा से ज्यादा जानकारियां एकत्र कर भेजे। इसके अलावा सेना के बड़े अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी मांगे गए, ताकि उनकी जासूसी करवाई जा सके।