Pappy के बेटे ने काटी नाजायज कोलोनी,करोड़ों रुपए ढकारे सरकार के खाते के

BURNING NEWS✍️RAJESH SHARMA

अवैध कालोनियों पर पंजाब सरकार की सख्ती का असर जालंधर में कमजोर होता दिख रहा है। अवैध कालोनियों को पनपने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने जहां एक तरफ कोलोनाइजरों पर केस दर्ज करवाए, वहीं तहसीलों में बिना एनओसी रजिस्ट्री पर पाबंदी लागू की लेकिन कुछ भी नहीं बदला। सैंट्रल हलका अधीन बडि़ंग क्षेत्र में आज भी पप्पी पहलवान धड़ल्ले से एक और अवैध कालोनी स्थापित कर रहा है।


जानकारी मिली है कि जमीनदारों से तीन एकड़ कृषि वाली जमीन खरीदने के बाद पप्पी ने इस कालोनी निर्माण में इस बार अपने पुत्तर करण और उसके राजदार कन्नू को आगे किया है। मौका मुआयना करने पर पता चला है कि मौके पर 5 कोठियां स्थापित कर दी गई है और सड़के बनाने का काम जोरों पर चल रहा है।

सूत्र बताते हैं कि इस अवैध कालोनी के निर्माण के लिए कोलोनाइजर पप्पी ने एक्शन लेने और शोर मचाने वाले सभी लोगों को पहले ही “मिट्ठी-मिट्ठी” पप्पीयां दे दी है। क्षेत्र में एक प्रापर्टी डीलर से जब लैंड डील बारे पूछा गया तो उसने डेढ़ लाख रुपए मरला भाव बताकर तत्काल डील करवाने की बात की है और अंडर वैल्यू रजिस्ट्री पर भी हामी भर दी। हैरत की बात यह कि उसने बिना एनओसी रजिस्ट्री का रेट 10 हजार रुपए बता दिया।

उधर, लेबर द्वारा दिए कोलोनाइजर के नंबर पर संपर्क करने पर करण नामक युवक ने स्वीकार किया कि उसकी कालोनी अवैध है और मिलकर बात करने का ऑफर दिया। वहीं, इस बाबत जब हलका सैंट्रल के विधायक रमन अरोड़ा से बात की गई तो वो इसकी सूचना मिलते ही भड़क उठे और दावा किया कि वो जल्द ही नगर निगम की टीम को लेकर जाकर खुद कालोनी को ध्वस्त करवाएंगे।

अब देखना शेष होगा कि नगर निगम अपने क्षेत्राधीन पनप रही इस अवैध कालोनी के खिलाफ कब एक्शन लेती है या फिर पप्पी बाऊ की “मिट्ठी-मिट्ठी” पप्पीयां का मूल्य अदा करने के एवज में आंखों पर करप्शन की पट्टी बांध लेती है।

वहीं, तहसीलों का हाल भी ठीक ऐसा ही हो रखा है जहां बिना एनओसी रजिस्ट्रीयां भी धड़़ल्ले से हो रही है। खेल यह पता चला है कि तहसीलों में खसरा नंबर किसी अन्य स्थान का डालकर 10 से 25 हजार रुपए प्रति रजिस्ट्री का लिया जा रहा है और अवैध कालोनी वाले प्लाट की रजिस्ट्री बिना किसी डर के की जा रही है।

मजे की बात यह है कि भगवंत मान सरकार के राज में ऐसा खेल आम आदमी पार्टी के दावों पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। अब इसका भी देखना शेष होगा कि तहसीलों में रजिस्ट्री की आड़ में हो रही जालसाजी और करप्शन पर सरकार एक्शन कब लेती है।