सिददू मूसेवाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा, इतने करोड़ में हुआ मूसेवाला की मौत का सौदा

BURNING NEWS✍️RAJESH SHARMA

मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल का सौदा 1 करोड़ रुपए में हुआ था। इसमें हर शार्प शूटर को 5-5 लाख रुपए मिले। बाकी पैसा दूसरे मददगारों को मिला।
29 मई को जिस दिन मूसेवाला की हत्या हुई, हत्यारों के पास 10 लाख कैश मौजूद था। यह उनकी गाड़ी में था। यह कैश कनाडा में बैठे लॉरेंस गैंग के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने भिजवाया था। पंजाब पुलिस की शार्प शूटर प्रियवर्त फौजी और कशिश से हुई पूछताछ में यह बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस अब उनसे कैश रिकवर कराने में जुट गई है। हालांकि पुलिस अभी कैश रिकवरी से पहले औपचारिक तौर पर कुछ कहने से बच रही है।

पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर हथियारों की ट्रेनिंग

मूसेवाला के कत्ल में विदेशी हथियार इस्तेमाल किए गए। जिसमें ऑस्ट्रिया की ग्लॉक पिस्टल, जर्मनी की हेकलर एंड कोच P-30 हैंडगन, स्टार पिस्टल, तुर्की की जिगाना सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल और AK47 का इस्तेमाल हुआ। विदेशी हथियारों को चलाने से पहले प्रियवर्त फौजी और अंकित सेरसा ने इनकी ट्रेनिंग ली।
मानसा के नजदीक ही पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित किसी सुनसान जगह पर इन शार्प शूटर्स ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई। इसके लिए उन्हें बड़ी संख्या में कारतूस भी भेजे गए थे।

जेल में मन्नु की पिटाई की थी, उसी से पहली गोली मरवाई

मोगा का रहने वाला शार्प शूटर मनप्रीत मनु कुस्सा कुछ समय पहले जेल गया था। वहां उसकी पिटाई की गई। उसे शक था कि बंबीहा गैंग ने उसकी पिटाई करवाई है।इसका वीडियो बनाकर बाद में वायरल भी किया गया था। मनु गैंगस्टर लॉरेंस और गोल्डी बराड़ का करीबी है। वह बंबीहा गैंग से बदला लेना चाहता था।
इसी वजह से गोल्डी बराड़ ने सभी शार्पशूटर्स को कह दिया था कि मूसेवाला को पहली गोली मनु ही मारेगा। इसके लिए उसे AK 47 दी गई थी। मनु की गोली से ही मूसेवाला की मौत हुई।

मूसेवाला हत्याकांड के दौरान किसी भी सूरत में बच न सके

दोनों शूटर्स ने हथियारों को चलाने की यह प्रैक्टिस हरियाणा- पंजाब के बॉर्डर पर एक सुनसान जगह पर जाकर की थी, जहां ताबड़तोड़ गोलियां खुले आसमान में दागी गई थीं. गोल्डी बराड़ के कहने पर दोनों शूटर्स को फायरिंग करने का आदेश दिया गया था, ताकि मूसेवाला हत्याकांड के दौरान किसी भी सूरत में बच न सके.

प्लान में जरा भी चूक न हो जाए और हर हाल में मूसेवाला बच न पाए

पहले खुलासा हुआ था कि लॉरेंस विश्नोई और गोल्डी बराड़ का सबसे खास और सबसे भरोसेमंद खतरनाक शूटर्स मनप्रीत मनू था. लेकिन बैकअप के तौर पर बाकी शूटर्स भी थे, ताकि कोई मूसेवाला पर अटैक के दौरान कोई गल्ती न हो जाए।

इसलिए खास तौर पर प्रियव्रत फौजी और अंकित को गोल्डी के कहने पर हरियाणा- पंजाब के बॉर्डर पर एक खाली खेत में प्रैक्टिस करने के लिए चुना गया था.
इस जगह पर बकायदा इन दोनों शूटर्स को मिले अत्याधुनिक हथियारों को चलाने की प्रैक्टिस करवाई गई थी.