BURNING NEWS RAJESH SHARMA
इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट में गुम हुई फ़ाईलों की अभी जाँच चल ही रही थी कि इसी बीच 70 फ़ाईलों के आफ़िस की अलमारियों से मिलने के बाद अचानक से जाँच करने की बजाए पर्चा दर्ज कर दिया गया। हालाँकि इस पर्चे में सीनियर सहायक अजय मल्होत्रा पर तो पर्चा दिया पर साथ में पूर्व चेयरमैन दलजीत सिंह आहलूवालिया पर पर्चा दर्ज करना राजनीतिक दबाव की निशानी है। ई ओ ने जालंधर डीसी को शिकायत में कहा था कि फ़ाइलें ग़ायब है पर बाद में वही फ़ाईले आफ़िस की अलमारियों से निकलने के बाद अचानक से पुलिस की कारवाई तेज हो गई ओर ज़िम्मेदार आफ़िसर के साथ चेयरमैन को भी पर्चे में नामज़द कर दिया। वहीं मामले की जाँच अब उच्चाधिकारी करने में लग गए है जिसमें चेयरमैन को पर्चे में रिलीफ मिलने की चर्चा है तो वही ट्रस्ट के ज़िम्मेदार जो खुद अपना पल्ला झाड़ रहे थे को नामज़द करने की तैयारी में है। वहीं पूरे मामले में नज़र दौड़ाई जाए तो कहीं ना कहीं राजनीतिक दबाव भी इस पर्चे में नज़र आ रहा है क्योंकि अगर गुम हुई फ़ाईलों पर पुलिस ने पर्चा दर्ज करना था तो जो फाईले आफ़िस की अलमारियों में मिट्टी फाँक रही थी ध्यान से ढूँढने पर बाक़ी फाईले भी आफ़िस के रिकार्ड में ही होंगी। वहीं इम्प्रूमेंट ट्रस्ट के क़ानून में कही भी ये नहीं कि फाईले गुम होने पर दोषी चेयरमैन हो।