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जालंधर : जिन लोगों के पारिवारिक संबंधों को मजबूत रखकर मिलजुल कर न केवल व्यापारिक क्षेत्र में नये आयाम स्थापित किए। अपितु अपने गुणों की सुगन्धि सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्र में फैलाई। उनमें से गुप्ता परिवार भी एक है और सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्र में अलग पहचान बना चुके इस परिवार के रमेश कुमार गुप्ता के आकस्मिक निधन का समाचार जिसने भी सुना स्तब्ध रह गया। यदि गुप्ता परिवार का कारोबार इतनी बुलंदी पर पहुंचा तो उसमें स्व. रमेश कुमार गुप्ता का योगदान किसी भी रूप से भुलाया नहीं जा सकता। वैसे भी गुप्ता परिवार के गुणों में शामिल है कि इस परिवार के सभी सदस्य सामाजिक एवं धार्मिक प्राकृति के धारणी हैं। धार्मिक कार्यो के लिए अग्रणी भूमिका निभाना एवं दिनचर्या में आराधना एवं पूजा अर्चना से प्रारम्भ करना इस परिवार की परम्परा रही है। यदि इरादे नेक हों, कार्यो में ईमानदारी एवं निष्ठा हो तो व्यापार फलता फूलता है। महानगर में कहीं भी विशेषकर सिद्ध शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर से कोई भी शोभायात्र निकले या धार्मिक आयोजन हो तो गुप्ता परिवार का सदैव सक्रिय सहयोग रहा है। स्व. रमेश कुमार गुप्ता ने अपने माता पिता से लिए संस्कारो के साथ समाज में उन्होने जिस सेवा को आगे बढ़ाया वह सेवा आज गुप्ता परिवार के सभी सद्स्य कर रहे है। स्व. रमेश कुमार गुप्ता की माता शीला रानी, धर्मपत्नी रीटा रानी, बेटे साहिल गुप्ता, बहु आशिमा गुप्ता, सौरभ गुप्ता, दीक्षा गुप्ता भी उनके दिखाए हुए मार्ग पर चल रहे। स्व. रमेश कुमार गुप्ता की अन्तयेष्ठि में नगर भर की सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं की बड़ी संस्थाओं मे ंशमूलियत सिद्ध करती थी। नम्र स्वभाव, व्यवहारकुशल, मीठा बोलना एवं हर मर्यादाओं का पालन करना स्व. रमेश कुमार गुप्ता के स्वभाव में शामिल था। वे अपनी अच्छाईयों से समाज के हर वर्ग में सर्वप्रिय थे। उन्होंने सेवा को प्रमुखता दी। ठोस एवं सक्रि य रूप से कार्य करना उनके स्वभाव में था। उनके पास शोहरत होने के बावजूद भी वह सादा जीवन व्यतीत करते थे। उन्हे जैसा शोंक रहता था उस शोंक को भी वह खुशी-खुशी से पुरा करते थे। स्व. रमेश कुमार गुप्ता भ्रातृ भाव एवं सेवा भावना की मिसाल थे। वह अच्छे गुणों के भंडार थे। व्यापारिक हितों में भी सामाजिक एवं धार्मिक हितों को अधिमान देना उनके स्वभाव का अंग था। हंसमुख प्रवृति के स्व. रमेश कुमार गुप्ता जैसे व्यक्तित्त्व के निधन पर किसी ने लिखा है-विधि के निर्मम हाथों ने। क्या फूल चमन से तोड़ा है, उल्लास ही सारा छीन लिया। कुंदन से नाता जोड़ा है। स्व. रमेश कुमार गुप्ता की आत्मिक शांति के लिए रखी गई रस्म किरया 7 जनवरी को दोपहर 1 से 2 बजे तक श्री देवी तालाब मंदिर परिसर स्थित श्रीराम हाल में सम्पन्न होगी।