BURNING NEWS✍️RAJESH SHARMA
जब भी कहीं मेला लगता है तो ज़ाहिर सी बात है कि बच्चे अपने बड़ों से मेला देखने की जिद्द करने लग जाते हैंगर मेले में पहुँच कर खूब मज़े लूटते है, वहीं जालंधर में लगे मेले में बच्चों को मज़े नाम की तो कोई चीज़ नहीं उल्टा माँ बाप के पैसों की बर्बादी है, खालसा स्कूल में लगे मेले ने सबका मन फीका कर दिया है। मेले में बच्चे जाते हैं बहुत चाव के साथ कि वहाँ ये होगा वो होगा पर उस मेले में एक झूला ओर बाहरी दृश्य ही लोगों को आकर्षित कर रहा है जैसे ही लोग इसके अंदर जाते हैं तो मन खट्टा हो जाता है। सड़कों पर लगने वाली रेहड़ियों को मेले के अंदर चौपाटी का रूप दिया गया है जो लोग बाहर उन रेहडी वालो से फास्ट फूड खाते थे वही लोग मेले के अंदर जाकर उन्हीं रेहडी वालों से कुछ ना कुछ खा लेते है बाहर आते ही लोग मेले में पैसे की बर्बादी की बातें करते नज़र आ रहे है, वही लोग स्कूल की सरकारी जगह पर मेला लगाने की परमिशन किसने दी ये भी कहते नज़र आ रहे हैँ।