BURNING NEWS✍️
केंद्र सरकार बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमान को उड़ान भरने से रोकने पर विचार कर रही है। बोईंग विमान सिर्फ़ एअर इंडिया के पास ही है जिससे रोक लगाने के सरकार के फ़ैसले पर किसी भी समय मोहर लग सकती है जिसके बाद एअर इंडिया को झटका लगेगा। NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सिक्योरिटी रिव्यू के लिए विमानों को ग्राउंड किया जा सकता है। यह फैसला अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश के बाद लिया गया है।
एअर इंडिया का 787-8 विमान 12 जून को अहमदाबाद में क्रैश हुआ था। इसमें अब तक 265 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इनमें से 241 मृतक विमान में सवार पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स थे। 5 मृतक उस मेडिकल हॉस्टल के हैं, जहां प्लेन क्रैश हुआ था।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पूर्व जॉइंट सेक्रेटरी सनत कौल ने न्यूज एजेंसी IANS से बातचीत में कहा- DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने एअर इंडिया को कई बार लेटर लिखा था। जिसमें सिक्योरिटी, गलत तरह से चेकिंग और अन्य खामियों से जुड़ी बातें बताई गईं थीं। अब जब हादसा हो गया तो एअर इंडिया पर सवाल उठता है कि वे अपने विमानों का मेंटिनेंस कैसे करते हैं।
सवाल: विमानों को कब तक ग्राउंड रखा जाएगा? जवाब: अभी तक कोई आधिकारिक तारीख नहीं बताई गई है कि बोइंग 787-8 को कब ग्राउंड किया जाएगा। ये फैसला अहमदाबाद हादसे की जांच के शुरुआती नतीजों पर निर्भर करेगा। पिछले रिकॉर्ड्स देखें तो 2013 में बोइंग 787 की लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की घटनाओं के बाद पूरी दुनिया में इस फ्लीट को 3 महीने के लिए ग्राउंड किया गया था।
अगर इस बार भी ऐसा ही कुछ हुआ, तो शायद 2-3 महीने तक ग्राउंडिंग हो सकती है, लेकिन ये इस बात पर डिपेंड करता है कि DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) और AAIB (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) की जांच में क्या निकलता है। अगर इंजन फेलियर या फ्यूजलाज की खराबी जैसी गंभीर दिक्कतें पाई गईं, तो समय और बढ़ सकता है।
सवाल: ग्राउंड के बाद विमानों की चेकिंग कैसे होगी? जवाब:विमानों की चेकिंग का काम DGCA और AAIB के साथ बोइंग कंपनी और एअर इंडिया की टीमें मिलकर करेंगी। प्रोसेस कुछ इस तरह हो सकती है:
ब्लैक बॉक्स एनालिसिस: सबसे पहले फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर ब्लैक बॉक्स की जांच होगी।
इंजन और फ्यूजलेज चेक: विशेषज्ञों का मानना है कि हादसे की वजह इंजन फेलियर या फ्यूजलाज की गलत असेंबली हो सकती है। हर बोइंग 787-8 के इंजन, फ्यूल सिस्टम, और फ्यूजलाज जोड़ों की बारीकी से जांच होगी।
सेफ्टी ऑडिट: DGCA और अमेरिका की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) मिलकर हर विमान की मेंटेनेंस हिस्ट्री, बैटरी सिस्टम, और इलेक्ट्रिकल सिस्टम की जांच करेंगे। पहले 787 में बैटरी की दिक्कतें सामने आई थीं, तो इन पर खास ध्यान होगा।
टेस्ट फ्लाइट्स: अगर कोई खामी मिलती है, तो बोइंग को उसे ठीक करना होगा। इसके बाद हर विमान की टेस्ट फ्लाइट होगी, ताकि ये सुनिश्चित हो कि वो पूरी तरह सुरक्षित है।
पायलट ट्रेनिंग रिव्यू: हादसे में पायलटों की सेटिंग जैसे फ्लैप्स और लैंडिंग गियर पर भी सवाल उठे हैं, तो पायलट ट्रेनिंग प्रोसेस की भी जांच हो सकती है।
इस चेकिंग में महीनों लग सकते हैं, क्योंकि हर विमान को अलग-अलग टेस्ट करना होगा। DGCA और FAA की गाइडलाइंस के मुताबिक, सारी कमियां ठीक होने तक उड़ान की मंजूरी नहीं मिलेगी।
अब जानिए बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के बारे में…
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर क्या है? बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एक आधुनिक, मिड-साइज, ट्विन-इंजन, वाइड-बॉडी जेट विमान है, जिसे बोइंग ने बनाया है। ये लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है और पुराने बोइंग 767 को रिप्लेस करने के लिए लाया गया। ये फ्यूल-एफिशिएंट विमान है।
इस विमान में ऐसा क्या खास है?
- हल्का मटेरियल: इसका 50% हिस्सा कार्बन फाइबर जैसे कम्पोजिट मटेरियल से बना है, जो इसे हल्का और मजबूत बनाता है।
- बड़ी खिड़कियां:ड्रीमलाइनर की खिड़कियां किसी भी कॉमर्शियल विमान में सबसे बड़ी हैं (27×47 सेमी)
- कम्फर्ट: केबिन का प्रेशर 1,900 मीटर की ऊंचाई जैसा रखा जाता है, जिससे ऑक्सीजन 8% ज्यादा रहती है और थकान कम होती है।
- LED लाइटिंग: केबिन में रंग बदलने वाली लाइट्स हैं, जो टाइम जोन बदलने का असर कम करती हैं।
- बड़े बिन्स: ओवरहेड बिन्स में हर यात्री का रोल-अबोर्ड बैग आसानी से आ जाता है।
यात्रियों के लिए क्या सुविधाएं हैं?
- सीटिंग: एयरलाइंस के हिसाब से अलग-अलग लेआउट हैं। जैसे ANA में 32 बिजनेस, 14 प्रीमियम इकोनॉमी, और 138 इकोनॉमी सीटें। कतर एयरवेज़ में 3-3-3 इकोनॉमी लेआउट है।
- एंटरटेनमेंट: पर्सनल टीवी, USB चार्जिंग पोर्ट्स, और पावर आउटलेट्स।
- शोर में कमी: केबिन पुराने विमानों से ज्यादा शांत है।
- कम्फर्ट: सीटें आरामदायक हैं, और सस्पेंशन सिस्टम हर तरह के रास्ते पर अच्छा अनुभव देता है।
दुनिया भर में ड्रीमलाइनर 787-8 से जुड़े विवाद…
विवाद-1: लीथियम आयन बैटरियों में आग, 3 महीने दुनिया में ड्रीमलाइनर नहीं उड़ा
जनवरी 2013 में दो नए ड्रीमलाइनर 787-8 विमान जापान की दो एयरलाइन कंपनियों के बेड़े में शामिल किए गए थे। इनमें लगी लीथियम आयन (Li-Ion) बैटरी में आग लग गई। एक विमान में आग तब लगी जब वह बोस्टन के एयरपोर्ट पर पार्किंग में खड़ा था, जबकि दूसरा ड्रीमलाइनर उड़ान भर चुका था। आग लगने के चलते उसकी इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी।
असरः इसके बाद अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 3 महीने के लिए दुनिया भर में सभी ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों पर रोक लगा दी थी। बोइंग ने अपने बैटरी सिस्टम और उसके इंसुलेशन यानी बैटरी को इंजन की गर्मी से बचाने के तरीके में सुधार किए।