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पंजाब के लुधियाना के रहने वाले युवक की कनाडा में हत्या कर दी गई। मरने वाला 4 महीने पहले ही कनाडा गया था। हत्यारा कोई और नहीं बल्कि उसका पड़ोसी है। मृतक का नाम गुरसिस सिंह है। गुरसिस 22 साल का है। गुरसिस पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए विदेश गया था।
1 दिसंबर को ओंटारियो के सार्निया शहर में क्वीन स्ट्रीट पर उसके किराये के घर में उसे चाकू मार कर मौत के घाट उतारा गया।
गुरसिस सिंह पंजाब कॉलेज ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (पीसीटीई), बद्दोवाल में पढ़ा है। उसने लुधियाना से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की जिसके बाद वह कनाडा के लैंबटन कॉलेज से बिजनेस में पोस्ट-ग्रेजुएशन कर रहा था।
कनाडा में सारनिया पुलिस ने मीडिया से कहा कि आरोपी की पहचान 36 वर्षीय क्रॉसली हंटर के रूप में हुई है, जो सारनिया में 194 क्वीन स्ट्रीट पर गुरसिस सिंह के साथ वाले कमरे में रहता था। आरोपी ने उस पर चाकू से कई बार वार किया। दोनों की रसोई में झड़प हुई थी।
गुरसिस के पिता बोले-नींद में मारा मेरा बेटा
हालांकि गुरसिस सिंह के 52 वर्षीय पिता चरणजीत सिंह ने मीडिया को बताया कि उनके बेटे को “नींद में मार दिया गया” और संदेह जताया कि आरोपी ने ड्रग्स लिया हुआ था। लुधियाना में पैकेजिंग सामग्री निर्माण इकाई चलाने वाले चरणजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने उसका मेडिकल परीक्षण करवाया है।
बेटे की बेरहमी से हत्या किए जाने से कुछ घंटे पहले, उसने हमसे बात की थी और बहुत खुश था। वह हमें भी जल्द ही कनाडा बुलाने की उम्मीद कर रहा था और उसने कहा था कि हम फिर से एक परिवार के रूप में साथ रहेंगे। वह रात में ही कॉलेज की तैयारी करता था और अपना खाना बनाता था। उन्होंने कहा कि ”नींद में मारे जाने से कुछ घंटे पहले उन्होंने अपनी मां से भी लंबी बातचीत की थी।
गुरसिस सिंह के परिवार में माता-पिता और एक छोटा भाई मनराज सिंह है जो लुधियाना में पढ़ता है। परिवार लुधियाना में फेज-7, फोकल प्वाइंट, चंडीगढ़ रोड पर रहता है। परिवार के सदस्यों ने कहा कि आरोपी अपार्टमेंट में पड़ोस के कमरे में रहता था और दोनों लोग केवल एक साझा रसोईघर साझा करते थे।
बेटे की मौत की खबर सुनकर मां को लगा सदमा,अस्पताल में भर्ती
गुरसिस की मौत की खबर से सदमे में उनकी मां को अस्पताल में भर्ती कराया गया। चरणजीत ने कहा कि वह अभी भी बात नहीं कर रही है। परिवार ने केंद्र सरकार से अपने बेटे के शव को अंतिम संस्कार के लिए पंजाब लाने में मदद करने की अपील की है और वित्तीय मदद का आग्रह किया है क्योंकि उन्होंने अपने बेटे को कनाडा भेजने के लिए अपनी सारी बचत का इस्तेमाल किया था।