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फरिश्ते शब्द सुनते ही किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में दिमाग में विचार घूमता है जिसने आपकी जान बचाने का उपाय किया हो। पंजाब वासियों के लिए फरिश्ते बनी है पंजाब की मान सरकार जिसने अब तक कई लोगों की जान बचाई है। सडक़ सुरक्षा एवं इमरजेंसी देखभाल संबंधी सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए पंजाब पुलिस के ट्रैफिक एवं सडक़ सुरक्षा विंग ने राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) एवं मैप माई इंडिया के सहयोग से मैपल्ज मोबाइल एप के माध्यम से फरिश्ते स्कीम के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई है ताकि आसानी से सही ढंग से इन अस्पतालों तक अप्रोच किया जा सके। इस पहलकदमी का उद्देश्य निर्विघ्न नेवीगेशन सहायता की पेशकश करता है, जिससे उपभोगिता, विशेषकर सडक़ हादसों की स्थिति में, नजदीकी अस्पतालों की तीव्रता से तलाश करके उचित समय पर पीडि़त को अस्पताल पहुंचा सकेंगे।
सडक़ हादसों में चोट लगने के कारण होने वाली मृत्यु दर को घटाने एवं उपलब्ध सरकारी/सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में तुरंत, मुश्किल रहित इलाज मुहैया करवाने के उद्देश्य के साथ फरिश्ते स्कीम शुरू की गई है। जो प्रतिदिन फरिश्ते बनकर आती है। फरिश्ते स्कीम के तहत पंजाबभर में 384 अस्पतालों को सफलातपूर्व पंजीकृत किया गया है, इसमें 238 निजी एवं 146 सरकारी अस्पताल हैं। अब ये अस्पताल, पंजाब फरिश्ते स्कीम अप्लाई ऑनलाइन 2024 प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, मैपल मोबाइल एप पर उपलब्ध हैं। इस प्रणाली का प्रयोग दुर्घटना पीडि़तों को संवेदनशील समय पर अस्पताल ले जाने के सहायक होगी। इससे मानवीय जानें बचाने की दर में सुधार आएगा। लोगों को आगे बढक़र दुर्घटना पीडि़तों की मदद करने एवं उनकी जान बचाने के लिए उत्साहित करने वाले ऐसे फरिश्ते को कानूनी उलझनें एवं पुलिस पूछताछ से छूट प्रदान की जाती है एवं उसको नकद पुरस्कार एवं प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया जाता है। उल्लेखनीय है फरिश्ते प्रणाली के तहत, घायलों को अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए सहायता करने वाले व्यक्तियों को सरकार द्वारा फरिश्ते के रूप में मान्यता दी जाती है एवं 2 हजार रुपए का इनाम दिया जाता है।
पंजाब के मुख्यमंत्री मान द्वारा जिन नई एंबुलेंसों को हरी झंडी दिखाई गई वे नवीनतम चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित हैं। एंबुलेंसों की संख्या कुल 325 तक है। ये एंबुलेंसें शहरी क्षेत्रों में 15 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिनट के भीतर जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचती हैं। ये एंबुलेंस जीपीएसज् से सुसज्जित हैं। आपातकालीन स्थिति में लोगों को समय पर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाकर उनकी जान बचा रही हैं। इनमें जीवन रक्षक दवाएं और अत्याधुनिक उपकरण हैं। इस वर्ष एंबुलेंस के माध्यम से एक लाख से अधिक मरीजों को सुरक्षित रूप से अस्पतालों पहुंचाया गया जिनमें इसमें 10,737 हृदय रोगी, 28,540 गर्भवती महिलाएं और अन्य शामिल हैं।